विंग कमांडर अभिनंदन की रिहाई के साथ ही यह दोहराया जाना गलत नहीं होगा कि भारत में किसी भी भविष्य के आतंकी हमले को रोकने के लिए वायु सेना द्वारा एलओसी पार किया गया एयर स्ट्राइक सही दिशा में उठाया गया कदम है। इन स्ट्राइक से जैश के आतंकी ठिकाने ही तबह नहीं हुए इससे दूसरे आतंकी संगठनों को भी कड़ा संदेश गया है कि उनके लिए अब कोई भी जगह सुरक्षित नहीं है। इन वर्षों में भारत ने नियंत्रण रेखा को ध्यान में रखते हुए खुद को सख्त कार्रवाई से दूर रखा, लेकिन अब और नहीं।
हवाई हमले के अंतर्राष्ट्रीय और रणनीतिक प्रभाव हैं क्योंकि यह अक्सर ऐसा नहीं होता है कि भारत अपनी सेना को सीमा पार कर सके, लेकिन इस तरह का कदम उठाना हमारी इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण क्षमताएं दर्शाता है। इस कदम से कई अंतर्राष्ट्रीय मंचों को यह संदेश गया है कि भारत के बर्दाश्त करने की एक हद है। उसके बाहर कोई जाता है तो हम उसका जवाब देने में देरी नहीं करेंगे। इसके अलावा, वायु सेना द्वारा सरहद पार जाकर हवाई हमला करना हर तरह से आश्चर्यचकित करता है। पिछले कुछ वर्षों में सरहद के उस पार एक तरह का मानसिकता ने आकार लिया था कि आतंकि जो चाहें करें हमारी ओर से उसका पलटवार नहीं किया जा सकता है।
पूर्व में जिस तरह से तूफान उठने वाली स्थिति बनी थी वह इस बार भारत रोकने में कामयाब हुआ है। पाकिस्तान भले इस बात का डंका बजाए कि उसने नियंत्रण रेखा पार एयर स्ट्राइक की है। पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता की प्रेस वार्त पहले की तरह बेहद निराशाजनक थी, उनके डीजी ने वास्तव में पाकिस्तान के मीडिया को सलाह दी कि वह पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई में संयम बरतें। वास्तव में यह बदलाव का संकेत है। यह समझदारी से कहा गया है कि एक राष्ट्र केवल एक मजबूत शक्ति के रूप में उभरता है जब वह निरंतर आधार पर तीन पहलुओं को प्रदर्शित करता है। पहला, भरपूर आर्थिक क्षमता दूसरा, सेन्य शक्ति, तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण इन दोनों को राष्ट्र हित में इस्तेमाल करने की राजनीतिक इच्छा।
वायु सेना द्वारा किया गया हवाई हमला इन तीनों शक्तियों की गवाही देता है। बीते दो दिनों में हुए काउंटर स्ट्राइक के बात को दर्शाता है कि हमारी सेनाओं को हर हालात में तैयार रहना होगा और राष्ट्र को हमारी सेना का मनोबल बढ़ाने के लिए उनके समर्थन में खड़े रहना होगा।
लेखक : मनीष शंकर शर्मा
(वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अंतरराष्ट्रीय मामलों और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा में विशेषज्ञता वाले कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय मामलों और सार्वजनिक नीति में स्नातकोत्तर है)