BHOPAL POLICE NEWS : मध्य प्रदेश में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए 8 अगस्त को भोपाल के भौंरी स्थित पुलिस प्रशिक्षण अकादमी में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के राज्य स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इसमें विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष कराने के लिए मंथन किया गया। खासतौर पर संवेदनशील क्षेत्रों में भयमुक्त वातावरण में मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर पाएं, इसे लेकर विशेष रणनीति तैयार की गई।
डीजीपी सुधीर सक्सेना ने दिए निर्देश
इस दौरान डीजीपी सुधीर सक्सेना ने कहा कि वारंटों की तामीली पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि निर्वाचन संबंधी एक्ट की हर ऑफिसर को जानकारी हो, यह सुनिश्चित करें। उन्होंने संख्यात्मक के बजाए बड़ी कार्रवाई करने पर जोर दिया। साथ ही माइनर एक्ट, अवैध शराब, अवैध शस्त्र, मादक पदार्थों से संबंधित अपराधों पर प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बॉर्डर मीटिंग पर चुनाव आयोग का विशेष फोकस रहता है। इसके दृष्टिगत सीमावर्ती जिलों के एसपी अन्य प्रदेशों के पुलिस अधिकारियों से समन्वय और बॉर्डर चेकपोस्ट पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि फ्री, फेयर एंड पीसफुल इलेक्शन करवाना ही पुलिस का मुख्य उद्देश्य है। ट्रेनिंग शाखा द्वारा प्रशिक्षण की विस्तृत रूपरेखा समझाई गई, जिसमें बूथ स्तर तक लगे कर्मचारियों के प्रशिक्षण के बारे में विशेष ध्यान रखा जाए। इस अवसर पर समस्त जोनल एडीजी, इंदौर और भोपाल के पुलिस आयुक्त, डीसीपी, आईजी, डीआईजी, सभी जिलों के एसपी और सभी बटालियन के कमांडेंट ने प्रशिक्षण में सहभागिता की।
प्रजातांत्रिक प्रणाली में निष्पक्ष चुनाव करवाना हर पुलिसकर्मी का दायित्व : एसीएस गृह राजेश राजौरा
एसीएस गृह विभाग राजेश राजौरा ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश चुनाव का संचालन करवाने में सदैव बेस्ट परफॉर्मर रहा है। मप्र पुलिस ने कई चुनावों को सफलतापूर्वक संपन्न करवाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि आने वाले चुनावों में पुलिस के समक्ष सोशल मीडिया जैसी कई चुनौतियां सामने आएंगी। निर्वाचन आयोग के निर्देशों का यदि उचित ढंग से पालन किया जाए तो इन चुनौतियों को खत्म किया जा सकता है। प्रयास करें कि हम जो भी कार्रवाई करें, वह पुख्ता हो। प्रजातांत्रिक प्रणाली में निष्पक्ष चुनाव करवाना हर पुलिसकर्मी का दायित्व है।
सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरें चैलेंज : अनुपम राजन
मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने कहा कि निष्पक्ष चुनाव करवाने के लिए जिला स्तर पर भी इलेक्शन मैनेजमेंट प्लान तैयार करने की आवश्यकता है। सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक जिला | निर्वाचन अधिकारी के साथ इसे तैयार करने में अपना योगदान दें। सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरों का प्रसारण एक चैलेंज की तरह है। इसके लिए प्रत्येक जिले में सोशल मीडिया सेल स्थापित की गई है। सभी से अनुरोध है कि इसकी सूक्ष्मता से मॉनिटरिंग करें और उचित कार्रवाई करें। बॉर्डर चेक पोस्ट यथाशीघ्र प्रारंभ करें, इसके लिए आदर्श आचार संहिता के लागू होने का इंतजार न करें।
संवेदनशील क्षेत्रों में सुदृढ़ हो कानून व्यवस्था
प्रशिक्षण कार्यक्रम में सर्वप्रथम पुलिस महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था एवं सुरक्षा) और स्पेशल पुलिस नोडल ऑफिसर अनुराग ने चुनाव संबंधी प्रजेंटेशन दिया। उन्होंने कहा कि संपूर्ण प्रदेश में लगभग 65 हजार मतदान केंद्र है और वल्नरेबलिटी मैपिंग के लिए चुनाव आयोग द्वारा जारी मार्गदर्शिका अनुरूप संपूर्ण कार्यवाही की जाना अपेक्षित है। साथ ही विशेष पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति के लिए शासकीय सेवकों को चिह्नित करें। ऐसे व्यक्ति जो क्षेत्र के वल्नरेबलिटी मैपिंग के मुख्य कारक हैं, उन पर प्रभावी कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर विशेष निगरानी रखी जाए, यदि कोई भ्रामक जानकारी सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रही है तो अविलंब इसका खंडन करें और सही जानकारी से अवगत कराएं। चुनाव प्रबंधन के संबंध में किए जाने वाले नवाचार / गुड प्रैक्टिस को मुख्यालय के संज्ञान में लाएं। आगामी त्योहारों, वीवीआईपी भ्रमण, सभा, रैली आदि के लिए जिला स्तर पर पूर्व से ही कार्ययोजना तैयार रखें। इस दौरान बजट एवं संसाधन की उपलब्धता के बारे में भी जानकारी प्रदान की गई। चुनाव के लिए अतिरिक्त विशेष सशस्त्र बल की मांग की गई है और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि संवेदनशील क्षेत्रों में सशस्त्र बल की उपलब्धता पर्याप्त हो।
संदिग्ध लोगों पर रखें निगरानी : एडीजी योगेश देशमुख
एडीजी सायबर योगेश देशमुख ने निर्वाचन व्यय और निगरानी के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और एयरपोर्ट पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। इन स्थानों से आने-जाने वाले संदिग्धों की जानकारी जुटाई जाएगी। आचार संहिता लगने के बाद से पुलिस द्वारा जब्त की गई अवैध धनराशि, मादक पदार्थ और अन्य बहुमूल्य वस्तुओं की जानकारी चुनाव आयोग को प्रतिदिन समय सीमा में प्रेषित की जाएगी।
चुनाव में अहम रोल निभाता है कम्युनिकेशन : एडीजी विपिन माहेश्वरी
एडीजी दूरसंचार विपिन माहेश्वरी ने चुनाव के मद्देनजर पुलिस के कम्युनिकेशन प्लान की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चुनाव में कम्युनिकेशन अहम रोल निभाता है। सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक यथाशीघ्र कम्युनिकेशन प्लान तैयार करवाएं और उसका अध्ययन करें। उन्होंने शेडो एरिया की समीक्षा करने के साथ ही संवेदनशील क्षेत्र तथा ऐसे क्षेत्र जहां नेटवर्क की समस्या हो, उन्हें चिन्हित करने की बात कही। चुनाव के पूर्व कम्युनिकेशन प्लान के अतिरिक्त कार्यरत स्टेटिक सेटों को चुनाव में प्रयोग में लाना सुनिश्चित किया जाएगा।
इवीएम, वीवीपैट मशीन और स्ट्रांग रूम के बारे में दी विस्तृत जानकारी
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से आए नेशनल लेवल मास्टर ट्रेनर प्रमोद शुक्ला ने प्रशिक्षण के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को इवीएम, वीवीपैट मशीन और स्ट्रांग रूम के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने इवीएम और वीवीपैट का संचालन कैसे किया जाए, मशीन के खराब या नष्ट होने की स्थिति में निर्वाचन आयोग क्या व्यवस्था करता है, इवीएम में मतों का स्टोरेज किस तरह होता है और उनके सुरक्षा इंतजाम क्या है, आदि की जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि इवीएम की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। इवीएम और वीवीपैट के लिए सभी जिलों में निर्वाचन आयोग के नियमों के अनुसार वेयरहाउस बनाए गए हैं। इनमें वीवीपैट को डबल लॉक कर सुरक्षित रखा जाएगा। कार्यक्रम के दौरान मध्यप्रदेश के जॉइंट सीईओ राकेश सिंह ने कहा कि सेक्टर पुलिस ऑफिसर्स को निर्वाचन क्षेत्र के गांवो में भ्रमण करना चाहिए, कम से कम तीन बार प्रत्येक गांव में भ्रमण करें। आदर्श आचार संहिता के दौरान नियमों का पालन कराने के लिए पुलिस को प्रभावी कदम उठाने होंगे।
पोस्टल बैलेट, वल्नरेबिलिटी मैपिंग और एमसीसी के बारे में दी जानकारी
नेशनल लेवल मास्टर ट्रेनर श्री वाईपी सिंह ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को पोस्टल बैलेट, वल्नरेबिलिटी मैपिंग और एमसीसी के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मतदान के लिए पुलिसकर्मी किस प्रकार पोस्टल बैलेट का उपयोग कर सकते हैं। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि किन-किन स्थितियों में आदर्श आचार संहिता की आवश्यकता होती है और इसके लागू होने के दौरान कौन से नियमों का पालन जरूरी है। इस दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि रैली या मीटिंग के लिए | परमिशन ली गई है या नहीं।