अब मोहन सरकार है; सीनियर IAS के बाद अब ADG स्तर के अधिकारियों को जबावदेही, करेगें सुपरविजन और समन्वय

Amit Sengar
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MP News : मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद से ही डॉ मोहन यादव एक्शन मोड में नजर आ रहे है। इतना ही नहीं उनका प्रदेश की कानून व्यवस्था पर भी विशेष फोकस बना हुआ है। हाल ही में गृह विभाग ने एक आदेश जारी किया है जिसमें संभागीय स्तर पर एडीजी (ADG) अधिकारियों को प्रभारी अधिकारी बनाया गया है। इसमें भारतीय पुलिस सेवा 1990, 1991, 1992, 1993, 1995 बैच के IPS अधिकारियों को नई पोस्टिंग दी गई है।

किसे मिला कौन सा संभाग

  1. विजय कटारिया (1990) अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, प्रशासन, पुलिस मुख्यालय, भोपाल को नया संभाग भोपाल आवंटित किया गया है।
  2. आलोक रंजन (1991) अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, प्रबंध, पुलिस मुख्यालय, भोपाल को नया संभाग नर्मदापुरम आवंटित किया गया है।
  3. प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव (1991) अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, महिला अपराध, पुलिस मुख्यालय, भोपाल को नया संभाग ग्वालियर आवंटित किया गया है।
  4. योगेश मुदगल (1991) अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, तकनीकी सेवायें, पुलिस मुख्यालय, भोपाल को नया संभाग शहडोल आवंटित किया गया है।
  5. पवन श्रीवास्तव (1992) अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, सतर्कता, पुलिस मुख्यालय, भोपाल को नया संभाग चम्बल आवंटित किया गया है।
  6. अनिल कुमार (1993) अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, कल्याण, पुलिस मुख्यालय, भोपाल को नया संभाग रीवा आवंटित किया गया है।
  7. संजीव शमी (1993) अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, चयन/भर्ती, पुलिस मुख्यालय, भोपाल को नया संभाग सागर आवंटित किया गया है।
  8. चंचल शेखर (1995) अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, एससीआरबी, पुलिस मुख्यालय, भोपाल को नया संभाग जबलपुर आवंटित किया गया है।
  9. जयदीप प्रसाद (1995) अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, नारकोटिक्स, पुलिस मुख्यालय, भोपाल को नया संभाग इंदौर आवंटित किया गया है।
  10. योगेश देशमुख (1995) अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, साइबर, पुलिस मुख्यालय, भोपाल को नया संभाग उज्जैन आवंटित किया गया है।

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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