भोपाल।
लंबी माथापच्ची और महामंथन के बाद हुए शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार में अबतक मंत्रियों के विभागों का बंटवारा नही हो पाया है। विस्तार के बाद अब विभागों का बंटवारा शिवराज-महाराज और हाईकमान के बीच अटक कर रह गया है।विभागों के बंटवारे को लेकर एक बार फिर दिल्ली में मंथन का दौर जारी है। दो दिन चली लंबी चर्चाओं के बाद मुख्यमंत्री शिवराज ने हाईकमान को लिस्ट सौंप दी है और भोपाल के लिए रवाना हो गए है।वही सिंधिया ने भी केन्द्रीय संगठन के सामने अपनी बात रख दी है।
सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पेंच नगरीय विकास, पीडब्ल्यूडी, राजस्व, स्वास्थ्य, परिवहन, जल संसाधन, पीएचई, वाणिज्यिक कर, आबकारी, स्कूल शिक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग को लेकर फंसा है।सूत्रों का कहना है कि सिंधिया ने 7 कैबिनेट मंत्रियों के लिए बड़े विभाग तो मांगे, साथ ही स्पष्ट किया है कि 4 राज्यमंत्रियों के पास कुछ विभागों का स्वतंत्र प्रभार रहे। कांग्रेस से भाजपा में आए हरदीप सिंह डंग, बिसाहूलाल सिंह और एंदल सिंह कंसाना को भी विभाग दिया जाना है। मुख्यमंत्री चाहते हैं कि बिसाहूलाल और एंदल को भी कुछ विभाग मिलें।वही मुख्यमंत्री भी वाणिज्यिक कर, आबकारी, महिला बाल विकास, परिवहन, ऊर्जा, उद्योग, जल संसाधन, नर्मदा घाटी विकास समेत कुछ विभाग अपने करीबी मंत्रियों के पास रखना चाहते हैं,जिस पर केंद्रीय नेतृत्व तैयार नहीं हो रहा।
कहा जा रहा है कि सिंधिया बड़े विभागों की डिमांड किए हुए है, और भाजपा बड़े विभाग अपने पास रखना चाहती है। यही कारण है कि सिंधिया के दिल्ली पहुंचने के बाद ही शिवराज हाईकमान से मिलने पहुंचे और लिस्ट सौंपी। एक तरफ सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष , केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से चर्चा की तो सिंधिया ने भी अपनी बात केंद्रीय संगठन के सामने रख दी। बावजूद इसके विभागों को लेकर कोई फैसला नही हो पाया।बताया जा रहा है कि इस उलझन के बाद हाईकमान ने विभागों की सूची अपने पास रख ली है और मुख्यमंत्री शिवराज को वापस भोपाल लौटने को कहा है।
खबर है कि राज्यसभा सांसद और कमलनाथ सरकार का पतन करने वाले सिंधिया मंत्रिमंडल में दबदबे के बाद बड़े विभागों को लेकर अड़ गए है।जहां मुख्यमंत्री वरिष्ठ मंत्रियों को उनके कद और अनुभव के हिसाब से विभाग देना चाहते हैं, वही सिंधिया समर्थक मंत्री वजनदार विभाग चाहते हैं। वे किसी भी सूरत में कमल नाथ सरकार में सिंधिया समर्थक मंत्रियों के पास जो विभाग थे, उनसे कमतर पर सहमत नहीं हैं।वही प्रदेश संगठन से भी पूछा गया। देर रात तक सहमति नहीं बनी तो मंगलवार को प्रस्तावित कैबिनेट के बैठक ही निरस्त कर दी गई। माना जा रहा है कि विस्तार की तरह विभागों का बंटवारा भी हाईकमान की रजामंदी से ही होगा, ऐसे में संकेत मिल रहे है कि उपचुनावों को देखते हुए एक बार फिर सिंधिया की मांग को हाईकमान हरी झंड़ी दे सकता है, अगर ऐसा हुआ तो आने वाले समय में भाजपा और शिवराज की मुश्किलें बढ़ सकती है।वही शिवराज आज दोपहर तक भोपाल पहुंचेंगे।आने वाले एक दो दिन में दिल्ली से कोई केन्द्रीय लिस्ट लेकर आ सकता है या फिर ग्रीन सिग्नल मिलते ही विभागों का बंटवारा हो जाएगा।