Shivraj Cabinet Meeting, Shivraj Cabinet Meeting Update : प्रदेश में कैबिनेट की बैठक आयोजित की जाएगी। जिसमें कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लग सकती है। राज्य सरकार जहां राज्य में मिलेट मिशन योजना लागू करेगी। वही गेहूं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए मंडी शुल्क की प्रतिपूर्ति के प्रावधानों में संशोधन किए जा सकते हैं। एक दर्जन से ज्यादा प्रस्तावों पर आज मुहर लगने की उम्मीद जताई जा रही है।
मिलेट मिशन योजना लागू कर सकती है सरकार
दरअसल शिवराज कैबिनेट की बैठक में मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार मिलेट मिशन योजना लागू कर सकती है। इसके लिए किसानों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। मोटे अनाज की फसलों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रसंस्करण तकनीक को बढ़ावा दिया जा सकता है। साथ ही प्रमुख शहरों और पर्यटन स्थल में फूड फेस्टिवल का भी आयोजन किया जा सकता है ।इसके लिए राज्य सरकार मिलेट मिशन लागू करेगी। कृषि विभाग के प्रस्ताव पर मंगलवार की कैबिनेट में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
राज्य सरकार 2 साल के लिए मिलेट मिशन योजना लागू कर सकती है इसके तहत 2024 -25 तक किसानों को कोदो, कुटकी, ज्वार और राखी के उन्नत प्रमाणित बीज संस्थाओं के माध्यम से 80% अनुदान पर उपलब्ध कराए जाएंगे। वहीं विपणन और प्रसंस्करण की गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा कार्यशाला का भी आयोजन किया जा सकता है। इस मिशन पर 2 वर्ष के लिए 23 करोड़ रुपए खर्च हो सकते हैं। साथ ही प्रमुख शहर और पर्यटन स्थल में फूड फेस्टिवल का भी आयोजन किया जाएगा।
मंडी शुल्क की प्रतिपूर्ति के प्रावधान पर बड़ा फैसला संभव
इसके अलावा गेहूं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए मंडी शुल्क की प्रतिपूर्ति के प्रावधान पर भी सरकार महत्वपूर्ण फैसला ले सकती है। बता दे मंडी शुल्क की प्रतिपूर्ति के लिए प्रावधान किया गया था। जिसमें संशोधन प्रस्तावित किया गया है। विभाग के अधिकारियों की मानें तो प्रदेश में 21 लाख टन गेहूं का निर्यात हुआ है लेकिन क्षति पूर्ति के कारण 523000 टन के दावे ही प्रस्तुत किए गए हैं। प्रावधान के कारण निर्यातकों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है। जिसके कारण संशोधन प्रस्तावित किया गया है।
होने वाले संशोधन में राज्य में उत्पादित गेहूं के स्थान पर राज्य की किसी भी मंदिर क्षेत्र से निर्यात के उद्देश्य से खरीदी गई और भुगतान पत्र के माध्यम से खरीदी गई मात्रा में से 31 मार्च 2023 तक निर्यात और 31 मार्च से 60 दिवस के लिए अभिलेख और शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए आवेदन किए जाएंगे। इसे इसमें शामिल किया गया है।
ट्रांसजेंडर को विशेष वर्ग की सूची में शामिल किए जाने के प्रस्ताव पर मुहर संभव
इतना ही नहीं प्रदेश के ट्रांसजेंडर को विशेष वर्ग की सूची में शामिल किए जाने के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है। पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित निर्णय के आधार पर प्रस्ताव तैयार किया गया है। कैबिनेट की बैठक में इस पर निर्णय लिया जाएगा। वहीं अधिकारियों की माने तो अदालत ने स्पष्ट किया है कि ट्रांसजेंडर समुदाय को सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग समझाया जाए। इन्हें अलग से आरक्षण दिए जाने के संबंध में कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं। पिछड़ा वर्ग की सूची में ट्रांसजेंडर को 94 स्थान पर जगह दी जा सकती है। इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है।
शैक्षणिक गतिविधि के संचालन के लिए 23680 वर्ग फुट भूमि का स्थायी पट्टा देने सहित अन्य प्रस्ताव पर भी महत्वपूर्ण निर्णय
साथ ही सरस्वती शिक्षा समिति सागर को शैक्षणिक गतिविधि के संचालन के लिए 23680 वर्ग फुट भूमि का स्थायी पट्टा देने सहित अन्य प्रस्ताव पर भी महत्वपूर्ण निर्णय लिया जा सकता है।