भोपाल, डेस्क रिपोर्ट
ग्वालियर-चंबल अंचल में भाजपा के तीन दिवसीय महासदस्यता अभियान के बाद मंगलवार को शिवराज कैबिनेट (Shivraj Cabinet) की चतुर्थ वर्चुअल बैठक (Fourth virtual meeting) हुई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई इस मंत्रि-परिषद की बैठक में कई प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।सिंचाई परियोजना, सीओआरएस प्रणाली को मंजूरी, संविदा अधिकारी-कर्मचारियों को नियमित नियुक्ति को लेकर किए कई प्रस्तावों पर मुहर लगी।
बैठक के फैसलों की जानकारी देते हुए गृह एवं जेल मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा (Home and Jail Minister Dr. Narottam Mishra) ने बताया कि हमें नीति आयोग के सामने अपने सुशासन से संबंधित सुझाव रखना है। आगे उन्होंने बताया कि प्रदेश में 1 सितंबर को सभी मंत्री, सांसद और विधायक अपने-अपने जिलों में जाकर गरीबों को राशन पात्रता पर्ची वितरित करेंगे। इसका लाभ उन गरीब परिवारों को मिलेगा जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं।
गृह मंत्री ने बताया कि मुरैना, छतरपुर, शाजापुर, नीमच और आगर जिले में भी सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। ये प्लांट 4400 मेगावाट क्षमता के होंगे।सीएम हेल्पलाइन को सीएम सिटीज़न केयर के रूप में डेवलप किया जाएगा। इसमें शिकायतकर्ता अपने मोबाइल फोन से शिकायत की ऑनलाइन ट्रैकिंग भी कर सकेगा।वहीं पुलिस की नियमित भर्ती को लेकर गृह मंत्री ने कहा कि संविदा कर्मियों को 20 फीसदी आरक्षण का नियम पुलिस की नियमित भर्ती में लागू नहीं होगा। कैबिनेट ने इस नियम की छूट के लिए गृह विभाग को मंजूरी दे दी है।
गृह एवं जेल मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि ‘आत्मनिर्भर मप्र’ का रोडमैप बनाने के लिए गठित सुशासन समूहबैठक में सुशासन, भौतिक अधोसंरचना, स्वास्थ्य एवं शिक्षा और अर्थव्यवस्था और रोजगार विषय पर गठित मंत्री समूहों की अनुशंसाओं पर बात हुई है। प्रदेश में नागरिक सुविधाओं को बेहतर बनाया जाएगा। ऐसी व्यवस्था होगी, जिसमें प्रदेशवासियों को जरूरत के दस्तावेज लेने के लिए ना ही परेशान होने पड़े और ना ही किसी भी कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ें।
इन प्रस्तावों को भी दी गई मंजूरी
-मंत्रिपरिषद ने सनगठा (ऐर) सिंचाई परियोजना के कुल सैच्य क्षेत्र 4630 हेक्टेयर के लिये 145 करोड़ 45 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी हैं।
-परियोजना से सूक्ष्म सिंचाई पद्वति द्वारा पिछोर तहसील के 15 ग्रामों की 4630 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी।
-सीमांकन/मानचित्रण की प्रक्रिया सरल करने के लिए सीओआरएस प्रणाली की मंजूरी।
-सीमांकन/मानचित्रण की प्रक्रिया का सरल एवं शुद्व करने के लिए राज्य में सीओआरएस (कंन्टीन्यूअसली आपरेंटिग रिफरेंस स्टेशन) प्रणाली का उपयोग शुरू करने के लिए राजस्व विभाग द्वारा भारतीय सर्वेक्षण विभाग के साथ एमओयू निष्पादित किया गया हैं।
-वर्तमान में राजस्व विभाग द्वारा भूमि सीमांकन का कार्य ईटीएस (इलेक्ट्रानिक टोटल स्टेशन) मशीन द्वारा किया जा रहा है।
-मंत्रिपरिषद ने ईटीएस मशीनों से सीमांकन करने में विभाग को अनेक व्यवहारिक कठिनाईयों का सामना करने के दृष्टिगत उपरोक्त की मंजूरी दी है।
-सीमांकन कार्य को आधुनिक तरीके से कम समय में पूर्ण करने में सीओआरएस प्रणाली अत्यंत प्रभावी साबित होगी।
-सीओआरएस नेटवर्क का उपयोग करने से उच्चस्तर के एक्यूरेसी के साथ भू-सर्वेक्षण एवं मानचित्रण का काम कर सकेगा।
-सीओआरएस नेटवर्क के उपयोग से किसी भी मौसम या परिस्थिति में सीमांकन/मानचित्रण गतिविधि की जा सकती है।
– क्षेत्र में खड़ी फसल में भी यह काम कर सकेगा। इस नेटवर्क के उपयोग से आने वाले समय में जीएनएसएस चिप के साथ स्मार्ट फोन/ मोबाईल पर लोड किये गए एप से भी सीमाकंन संभव होगा।
-मंत्रि-परिषद ने सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र के अनुसार संविदा पर नियुक्त अधिकारी/कर्मचारियों को नियमित पदों पर नियुक्ति के लिये 20 प्रतिशत पद आरक्षित किये जाने के प्रावधान से पुलिस भर्ती को मुक्त रखने का निर्णय लिया है।
-मंत्रि-परिषद ने राज्य के तीसरे विधि आयोग के सुचारू रूप से संचालन के लिये अन्य पदों के साथ आयोग के पूर्णकालिक अध्यक्ष, सदस्य सचिव एवं अन्य अंशकालिक सदस्यों के पदों की सेवा शर्तो एवं पारिश्रमिक को अधिक स्पष्ट और युक्तियुक्त बनाये जाने के लिये संशोधन की मंजूरी दी है।
-मंत्रि-परिषद ने नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अंतर्गत सिंचाई योजनाओं के त्वरित क्रियान्वयन के लिए नर्मदा बेसिन प्रोजेक्टस कंपनी लिमिटेड के माध्यम से वित्त पोषित करने के संबंध में विभाग द्वारा जारी आदेश का अनुसमर्थन किया।
-मंत्रि-परिषद ने सरदार सरोवर परियोजना से उत्पादित विद्युत से प्राप्त होने वाले पूर्ण राजस्व को नर्मदा बेसिन प्रोजेक्ट कंपनी लिमिटेड को हस्तांरित करने का निर्णय लिया।
-सरदार सरोवर परियोजना के विद्युत बिल अनुसार पूर्ण राजस्व वित्त विभाग द्वारा उर्जा विभाग /मध्यप्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड को दी जाने वाली सब्सिडी से हर माह घटाकर नर्मदा बेसिन प्रोजेक्ट कंपनी लिमिटेड को देने की मंजूरी दी।