सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि फॉलेन आउट अतिथि विद्वानों को जल्द बहाल किया जाएगा। इसी के साथ अतिथि विद्वान नियमितीकरण को बताया अपनी सरकार की प्राथमिकता बताते हुए उन्होने कहा कि भाजपा सरकार अतिथि विद्वानों की समस्याओं के प्रति पूर्ण रूप से संवेदनशील है। हम अतिथि विद्वानों के संघर्षों के साक्षी हैं। शिवराज ने कहा कि कोरोना संकट के कारण निर्णय होने में देरी हो रही है लेकिन फॉलेन आउट अतिथि विद्वानों की फिर से सेवा में बहाली हमारी प्राथमिकता है और हम जल्द इस संबंध में निर्णय लेने जा रहे है। सभी फॉलेन आउट अतिथि विद्वानों की जल्द सेवा बहाली की जाएगी।
मुख्यमंन्त्री शिवराज सिंह चौहान ने ये बातें अतिथि विद्वानों के एक प्रतिनिधिमंडल से चर्चा के दौरान कहीं है। बता दें कि शिवराज सुसनेर जिला आगर मालवा पहुँचे थे जहां डॉ जगदीश कुल्मी एवं डॉ कैलाश गरवल के नेतृत्व में अतिथि विद्वानों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुख्यमंन्त्री से मिलकर फालेन आउट अतिथिविद्वानों की बहाली एवं सभी अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण के संबंध में चर्चा की। अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजक डॉ देवराज सिंह ने कहा है कि मुख्यमंन्त्री शिवराज सिंह चौहान अतिथि विद्वानों के लंबे संघर्ष के साक्षी रहे हैं। भोपाल के शाहजहानी पार्क के ऐतिहासिक आंदोलन में भी वे उपस्थित हुए थे एवं उनके प्रयासों से ही विधानसभा में भाजपा ने अतिथि विद्वान नियमितीकरण के मुद्दे पर तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर दबाव बनाया था जिससे नियमितीकरण के कैबिनेट प्रस्ताव का मार्ग खुला था। अतिथि विद्वानों का विश्वास है कि मुख्यमंन्त्री शिवराज सिंह जल्द अतिथिविद्वानों के नियमितीकरण तथा फॉलेन आउट अतिथिविद्वानों की सेवा बहाली के संबंध में सकारात्मक निर्णय लेंगे।
अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के मीडिया प्रभारी डॉ आशीष पांडेय के अनुसार उच्च शिक्षित अतिथि विद्वान विगत कई वर्षों से अपने नियमितीकरण के लिए आंदोलनरत रहे है। पिछले वर्ष का शाहजाहानी पार्क का ऐतिहासिक आंदोलन अतिथिविद्वान नियमितीकरण के संघर्ष में मील का पत्थर साबित हुआ था। इसी आंदोलन का हिस्सा मुख्यमंन्त्री शिवराज सिंह चौहान,गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा,पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा,गोपाल भार्गव सहित कई भाजपा विधायक व वरिष्ठ नेतागण रहे हैं। उस समय विपक्ष में रहते शिवराज सिंह चौहान ने हमसे नियमितीकरण के संघर्ष में हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया था। अब जबकि वे प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं, हम आशा करते हैं कि वे जल्द ही फॉलेन आउट अतिथि विद्वानों को सेवा में वापस लेंगे और फिर हमारे नियमितीकरण की दिशा में निर्णय लेंगे।