भोपाल
लॉकडाउन के बीच प्रदेश में उद्योग (industries) बंद पड़े हैं, दुनिया भर के अर्थशास्त्री (economist) ये आशंका भी जता रहे हैं कि कोरोना क्राइसिस (corona crisis) से निकलने के बाद भयावह मंदी (recession) आ सकती है। ऐसी स्थितियों में हमेशा से लघु एवं कुटीर उद्योग (small industries) ही बाजार को बचाने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। प्रदेश सरकार भी दूरदर्शिता बरतते हुए लघु एवं अन्य छोटे उद्योगों को सहयोग करने के लिये तैयार है।
सीएम शिवराज (shivraj) ने लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग विभाग की समीक्षा बैठक (review meeting) में निर्देश दिए हैं कि इन उद्योगों को राहत एवं रियायत (relief) देने संबंधी प्रस्ताव तैयार किए जाएं। सीएम ने कहा है कि विभाग के अधिकारी (officers) ये निर्णय लें कि किस तरह की छूट एव राहत से इन उद्योगों का विकास हो सकता है और इसे लेकर अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है। उम्मीद है कि इसके अंतर्गत बिजली की तय कीमतों (electricity charge), प्रॉपर्टी टैक्स (property tax) में छूट के साथ सरकार इन्हें और भी राहत दे सकती है। बता दें कि आर्थिक स्थिति को सुधारने की दिशा में राज्य सरकार ने मंडी एक्ट में भी संशोधन किया है और इसी कड़ी में लघु व सूक्ष्म उद्योगों को सहायता करने का फैसला लिया गया है।