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Mon, Dec 8, 2025

अमित बघेल के विवादित बयान पर भोपाल में बवाल, सिंधी-अग्रवाल समाज ने की FIR और गिरफ्तारी की मांग

Written by:Ankita Chourdia
छत्तीसगढ़ के नेता अमित बघेल द्वारा भगवान झूलेलाल और अग्रसेन महाराज पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के खिलाफ भोपाल में सिंधी और अग्रवाल समाज ने कड़ा विरोध जताया है। जाग्रत हिंदू मंच ने पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन सौंपकर बघेल के खिलाफ तत्काल कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
अमित बघेल के विवादित बयान पर भोपाल में बवाल, सिंधी-अग्रवाल समाज ने की FIR और गिरफ्तारी की मांग

भोपाल। छत्तीसगढ़ क्रांति सेना के प्रमुख अमित बघेल द्वारा भगवान झूलेलाल और अग्रसेन महाराज पर दिए गए अपमानजनक बयान को लेकर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में उबाल है। शनिवार को सिंधी और अग्रवाल समाज के लोगों ने जाग्रत हिंदू मंच के बैनर तले विरोध प्रदर्शन किया और पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन सौंपकर बघेल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

यह पूरा विवाद अमित बघेल के उस बयान से शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति तोड़े जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, “पंडित दीनदयाल उपाध्याय, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, अग्रसेन महाराज की मूर्ति क्यों नहीं टूटती? उनकी मूर्ति पर पेशाब क्यों नहीं करते? कौन है अग्रसेन महाराज? चोर है या झूठा?” इस बयान के सामने आते ही दोनों समुदायों में भारी आक्रोश फैल गया।

अब सिर्फ निंदा नहीं, कानून का प्रहार जरूरी

जाग्रत हिंदू मंच के संरक्षक डॉ. दुर्गेश केसवानी ने इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अब केवल निंदा से काम नहीं चलेगा, बल्कि कानूनी कार्रवाई की जरूरत है।

“अमित बघेल जैसे तत्व सोशल मीडिया पर नफरत फैलाकर हिंदू समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। अगर इस व्यक्ति पर तत्काल एफआईआर और गिरफ्तारी नहीं होती, तो हिंदू समाज सड़कों पर उतरने को तैयार है। जो हमारी आस्था पर वार करेगा, उसे कानून के साथ-साथ समाज का भी जवाब मिलेगा।” — डॉ. दुर्गेश केसवानी

संगठन ने मांग की है कि बघेल के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 299 के तहत गंभीर अपराध का मामला दर्ज किया जाए।

‘यह सिर्फ समाज नहीं, राष्ट्र का अपमान है’

मंच के संयोजक सुनील कुमार जैन ने बघेल की टिप्पणी को भारत की राष्ट्रवादी सोच पर हमला बताया। उन्होंने कहा, “पंडित दीनदयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे व्यक्तित्वों का अपमान करना देश की आत्मा को ठेस पहुंचाने जैसा है। प्रशासन को इस बयान को गंभीरता से लेना चाहिए।”

वहीं, सह-संयोजक सौरभ गंगारमानी ने कहा कि समाज शांति चाहता है, लेकिन अपने देवी-देवताओं और महापुरुषों का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा, “हमारी मांग है कि ऐसे तत्वों पर रोक लगे ताकि भविष्य में कोई भी धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करने की हिम्मत न करे।”

ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधिमंडल में मंत्री योगेश मालानी, कोषाध्यक्ष अनिल मोटवानी, पीयूष वाधवानी, विनय भुरानी और भीष्म सोभानी समेत कई अन्य लोग शामिल थे।

भोपाल से जितेंद्र यादव की रिपोर्ट