भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के एसीएस मोहम्मद सुलेमान का चौकाने वाला बयान सामने आया है, उन्होंने प्रदेश में कोरोना में मौतों को लेकर बयान दिया है। एसीएस मोहम्मद सुलेमान ने कहा है कि उनके विभाग यानि स्वास्थ्य विभाग का काम लाशों को गिनना नहीं है।
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कोरोना संक्रमण के दौरान पिछले साल मध्य प्रदेश में भी मरने वालों की संख्या को लेकर आरोप लगा था कि सरकार ने आकंडे कम दर्शाए है, जबकि मौत का यह आकंडा कही ज्यादा है, इसी को लेकर एसीएस मोहम्मद सुलेमान से जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा किसी भी चीज को छिपाने का मकसद नहीं था। ये सच्चाई है कि स्वास्थ्य विभाग डेडबॉडी की गिनती नहीं करता, बल्कि सिर्फ मरीजों की गिनती करता है। डेथ का रजिस्ट्रेशन दूसरा विभाग करता है। उस समय यह हो रहा था कि सवाल गलत जगह पूछा जा रहा था, इसलिए जवाब भी गलत आ रहा था। ये उस समय का चैलेंज था। यह बयान एसीएस मोहम्मद सुलेमान लिटरेचर फेस्टिवल में दिया है जहां रविवार को वह आईएएस तरुण पिथोड़े की बुक पर डिस्कशन करने पहुंचे थे। तरुण पिथोड़े ब्यूरोक्रेट के साथ ही लेखक भी हैं।
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दरअसल आईएएस तरुण पिथोड़े ने कोरोना संक्रमण पर किताब लिखी है, कोरोना के शुरुआती दौर में भोपाल कलेक्टर रहे तरुण पिथोड़े ने देश भर के ब्यूरोक्रेट्स के कोरोना काल के अनुभवों को लेकर किताब लिखी है। फेस्टिवल में इस पर चर्चा के लिए एसीएस मो. सुलेमान, कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. स्कंद त्रिवेदी ने तरुण पिथोडे से चर्चा की।इसी चर्चा के दौरान पूछा गया कि कोरोना संक्रमण के दौरान आकंडों में इतना अंतर सामने आखिर कैसे आया स्वास्थ्य विभाग ने आकंडे कुछ बताए जबकि शमशान घाट में जलाए गए शवों की संख्या कुछ और कहानी बयां कर रही थी, इसी के जवाब में पहले आईएएस तरुण पिथोड़े ने जवाब दिया और फिर एसीएस सुलेमान ने कहा- स्वास्थ्य विभाग डेडबॉडी की गिनती नहीं करता, बल्कि सिर्फ मरीजों की गिनती करता है। आईएएस तरुण ने अपनी किताब में खुद के अनुभवों के साथ यूपी, बिहार, उत्तराखंड सहित कई राज्यों के आईएएस अधिकारियों के अनुभव भी शामिल किए हैं। तरुण कोविड की पहली लहर के दौरान भोपाल कलेक्टर थे और इसके पहले राजगढ़, सीहोर, बैतूल कलेक्टर भी रह चुके हैं।