सिंधिया समर्थक मंत्री का दावा- “कमलनाथ ने दिया था साथ आने का ऑफर”

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। सिंधिया (scindia) के कट्टर समर्थक माने जाने वाले और उनके समर्थन में मुरैना जिले (morena district) के दिमनी (dimni) से अपनी विधायकी का पद छोड़कर बीजेपी (bjp) का हाथ थामने वाले मध्यप्रदेश के कृषि कल्याण राज्य मंत्री (state minister of agriculture welfare) गिर्राज दंडोतिया (girraj dandotiya) ने एक बड़ा खुलासा किया है। एमपी ब्रेकिंग न्यूज (mpbreaking news) से खास बातचीत में उन्होंने कहा है कि कमलनाथ (kamalnath) चाहते थे कि वे सिंधिया खेमा छोड़कर उनके साथ आ जाएं और इसके लिए उन्हें मनचाहा ऑफर देने को तैयार थे। लेकिन दंडोतिया ने इसके लिए साफ मना कर दिया और वे सिंधिया के साथ ही खड़े रहे।

दंडोतिया के इस दावे में कितना दम है, यह तो पता नहीं, लेकिन इस बयान ने एक बार फिर राजनीतिक सरगर्मी तेज कर दी है। सिंधिया को ईश्वर का अंश बताते हुए दंडोतिया ने कहा कि उनकी राजनीति का उद्देश्य कभी भी लाभ कमाना नहीं रहा, बल्कि वे जनता के हितों की लड़ाई लड़ते रहे हैं और मध्य प्रदेश में जिस तरह से कमलनाथ सरकार ने विकास की उपेक्षा की और पूरे मध्यप्रदेश को छोड़कर केवल छिंदवाड़ा का विकास किया उसको लेकर विशेषकर ग्वालियर चंबल क्षेत्र की जनता बेहद नाराज थी। जनता की भावना को भांपकर सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी। कांग्रेस के आजादी में योगदान की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि भले ही योगदान रहा हो लेकिन आजादी के बाद तो केवल नेहरू, इंदिरा राजीव, संजय, सोनिया और राहुल को ही याद रखा गया। बीजेपी की तारीफ करते हुए दंडोतिया ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान ने अब क्षेत्र के विकास के लिए जो रोडमैप तैयार किया है वह ग्वालियर चंबल संभाग की तस्वीर ही बदल देगा जबकि कमलनाथ के पास जब भी में विकास की बात लेकर गए उन्होंने उन्हें ढंग से मिलने तक का समय नहीं दिया।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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