भोपाल।
सुप्रीम कोर्ट से भाजपा की धार से विधायक नीना वर्मा को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने वर्मा का 2013 से 2018 तक के कार्यकाल को शून्य घोषित कर दिया गया है। वर्मा ने हाईकोर्ट इंदौर के आदेश से असंतुष्ट होते हुए नीना वर्मा ने 20 दिसंबर 17 को अपील की थी। जिसको 4 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के जज संजयकिसन कौल और केएम जोसफ की डबल बैंच ने निराकरण कर दिया। हालांकि इस फैसले का वर्तमान कार्यकाल पर कोई असर नही होगा।
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सुप्रीम काेर्ट ने हाई कोर्ट इंदौर के आदेश को यथावत रखते हुए 4 जुलाई को यह निर्णय दिया। यह याचिका धार के वरिष्ठ अभिभाषक सुरेशचंद्र भंडारी ने हाईकोर्ट में दायर की थी। इसमें 20 नवंबर 2017 को हाईकोर्ट इंदौर ने आदेश पारित करते हुए नीना वर्मा का निर्वाचन शून्य घोषित कर दिया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट में वर्मा ने अपील की थी। इस अपील का गुरुवार को निर्णय आ गया है। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट इंदौर के फैसले को यथावत रखा है।
नीना वर्मा ने 2013 में निर्वाचन प्रक्रिया के तहत अपना नामांकन पत्र भरा था, उसमें कुछ बिंदू निरंक छोड़ दिए थे।सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश में कोई हस्तक्षेप नहीं किया है। अपीलार्थी का निर्वाचन नामांकन फार्म की जांच दिनांक से ही निरस्त होकर शून्य है। ऐसी स्थिति में पूर्व विधायक के रूप में मिलने वाली सुविधाएं जैसे पेंशन आदि प्राप्त नहीं होंगी। पूर्व विधायक कहलाने का अधिकार भी नहीं रहेगा।