भोपाल। डॉक्टरों को भगवान का दूसरा रूप माना जाता है। लेकिन देखा गया है कि डॉक्टरों के अंदर सवेंदना की बहुत ज्यादा कमी होती है। जिस कारण बहुत बार ऐसा होता है कि डॉक्टर मरीज की परेशानी नहीं समझ पाते हैं। जिस वजह से मरीज और डॉक्टरों के बीच विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है। आगे आने वाले समय में यह स्थिति पैदा ना हो इसलिए गांधी मेडिकल कॉलेज में नए सत्र से एमबीबीएस के छात्रों को सवेंदना और मरीज से बेहतर सवांद का पाठ भी पढाया जाएगा।
तकरीबन 22 साल बाद एमबीबीएस के कोर्स में यह व्यवहारिक बदलाव किया जा रहा है। नए कोर्स को लागू करने के लिए गांधी मेडिकल कॉलेज में काउंसिल की बैठक में बुनियादी जरूरतों पर चर्चा भी कर ली गई। इस कोर्स के तहत मेडिकल के छात्रों को योग-प्रणायाम सिखाया जाएगा। छात्रों की नैतिक स्तर पर भारतीय परिस्थितियों के अनुकूल सोच विकसित हो इसके लिए उन्हे नैतिक शिक्षा का ज्ञान दिया जाएगा। मेडिकल और जनरल एथिक्स कोर्स भी सिखाए जाएंगे। इसके अलावा डॉक्टरों को मरीज और उनके परिजनों के साथ कैसा व्यवहार करना है इस बात की भी शिक्षा दी जाएगी।
इस कोर्स से मिलेंगे यह लाभ
सामान्य बीमारियों के इलाज में सक्षम हों पाएंगे डॉक्टर। इतना ही नहीं मरीजों के साथ सवांद और अधिक बेहतर हो पाएगा और उनके ईलाज और देखभाल में सरलता होगी।