भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मनाही के बावजूद भी दीवाली की शाम से पूरे प्रदेश में भी जमकर पटाखे फोड़े गए, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों और तय समय सीमा के बाद भी नियमो का कोई पालन नही हुआ, और शाम से जो बम पटाख़े फूटने का सिलसिला शुरू हुआ तो अलसुबह तक जारी रहा, वही ग्रीन पटाखों की बजाये वही पटाख़े फोड़े गए जो वातावरण के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक साबित होते है। और लोगो की इसी लापरवाही का नतीजा चंद घंटों में सामनें आया है।
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मध्यप्रदेश में आतिशबाजी के चलते कुछ शहरों में एक बार फिर वायु प्रदूषण हुआ। यहां प्रदूषण का स्तर 250 के पास पहुंच गया। सबसे ज्यादा प्रदूषण ग्वालियर में रिकॉर्ड किया गया। यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 257 पर पहुंच गया जबकि जबलपुर में 247 और भोपाल में 246 रहा। इंदौर में भी प्रदूषण का स्तर 143 से बढ़कर 192 तक पहुंच गया। केंद्र सरकार ने देश के प्रमुख शहरों में प्रदूषण पर नजर रखने के लिए आधुनिक कंप्यूटरीकृत सिस्टम लगाए हैं। यह हर सेकेंड की जानकारी ऑनलाइन फीड करते हैं। प्रदेश में यह सिस्टम भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, सागर, दमोह, कटनी, पीथमपुर, सतना, मैहर, सिंगरौली, देवास, मंडीदीप, रतलाम और उज्जैन में लगाए गए हैं। दरअसल आतिशबाजी से निकला धुआँ पर्यावरण के लिए तो घटक होता है साथ ही यह धुआँ बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और बच्चो को भी खासा नुकसान पहुंचाता है, वही कभी-कभी बीमार लोगों और पशु- पक्षियों के लिए भी यह जानलेवा बन जाता है।
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क्या होता है एयर क्वालिटी इंडेक्स
वायु की गुणवत्ता की माप के लिए विश्व के विभिन्न देशों में एयर क्वालिटी इंडेक्स बनाये गये हैं। ये इंडेक्स देश में वायु की गुणवत्ता को मापते हैं और बताते हैं कि वायु में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय किए गए मापदंड से अधिक है या नहीं। अन्य इंडेक्स की तरह की ही एयर क्वालिटी इंडेक्स भी हवा की गुणवत्ता को बताता है. यह बताता है कि हवा में किन गैसों की कितनी मात्रा घुली हुई है। हवा की गुणवत्ता के आधार पर इस इंडेक्स में 6 केटेगरी बनायीं गयीं हैं। जैसे अच्छी, संतोषजनक, थोड़ा प्रदूषित, खराब, बहुत खराब और गंभीर।
जैसे जैसे हवा की गुणवत्ता ख़राब होती जाती है वैसे ही रैंकिंग अच्छी से ख़राब और फिर गंभीर की श्रेणी में आती जाती है। 0 और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।