भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। प्रमुख सचिव रेवेन्यू के पत्र के बाद तहसीलदारों के तबादले पर राज्य निर्वाचन आयोग ने अपना फैसला बदल दिया है, जिसका आदेश रविवार को जारी किया गया इसमें कहा गया है कि तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार त्रि- स्तरीय पंचायतों में ग्राम पंचायतों तथा जनपद पंचायतों के निर्वाचन हेतु रिटर्निंग आफिसर एवं सहायक रिटर्निंग आफिसर नियुक्त किये जाने के कारण इन अधिकारियों के संबंधित विकासखंड क्षेत्र में पदस्थापना की अवधि की गणना आयोग के निर्देशानुसार करते हुए विकासखंड क्षेत्र से अन्यंत्र पदस्थापना की जाए।
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दरअसल मध्यप्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी है परंतु राजस्व विभाग द्वारा तहसीलदारों के तबादले नहीं किए गए। पंचायत चुनाव ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित होते हैं बावजूद इसके मनीष रस्तोगी आईएएस एवं प्रमुख सचिव राजस्व विभाग ने मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर कहा था कि तहसीलदारों के तबादले आवश्यक नहीं होने चाहिए। मनीष रस्तोगी आईएएस एवं प्रमुख सचिव राजस्व विभाग ने मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र में लिखा कि यदि पत्र दिनांक 26 अक्टूबर 2021 का पालन किया गया तो मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में पदस्थ 40% (320 से भी ज्यादा) तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार प्रभावित होंगे। अत्यधिक संख्या में ट्रांसफर होने के कारण जिलों के स्थानीय प्रशासन में अव्यवस्था होगी। प्रमुख सचिव ने दलील दी है कि स्थानीय पंचायत के निर्वाचन दलीय आधार पर नहीं होते एवं स्थानीय नगरीय निकायों के चुनाव में आचार संहिता सिर्फ नगरीय निकाय तक ही सीमित रहती है। तहसीलदारों-नायब तहसीलदारों का जिले के बाहर स्थानांतरण किया जाना आवश्यक नहीं होना चाहिए।