शिवराज सरकार का बड़ा फैसला, अवैध कॉलोनियों के वैध होने की संभावना पर विराम

shivraj singh chouhaan

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। शिवराज सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए मध्यप्रदेश नगरपालिका काॅलाेनी रजिस्ट्रीकरण, निर्बंधन व शर्त नियम 1998 की धारा 15-ए काे खत्म कर दिया है। इसके बाद अब प्रदेश की 6800 से अधिक अवैध कॉलोनियों के वैध होने की संभावना को फिलहाल विराम लग गया है।

हाईकोर्ट ने पिछले साल जून में इस धारा पर आपत्ति जताई थी और अवैध कॉलोनियों के नियमितिकरण की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। इसके बाद नगरीय प्रशासन विभाग ने इस प्रावधान को विलोपित करने का निर्णय लिया था। नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह का कहना है कि हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद अब सरकार ने नियमितिकरण का प्रावधान खत्म कर दिया है और इसे लेकर नए नियम बनाने की तैयारी है जिसे विधानसभा में पारित होने के बाद लागू किया जाएगा। इसके पश्चात नए नियमों के आधार पर जो अवैध कॉलोनियों शर्तों पर खरी उतरेंगी, उन्हें वैध किया जाएगा। बता दें कि निर्बंधन व शर्त नियम 1998 की धारा 15-ए के मुताबिक 30 जून 1998 तक निर्मित अवैध कॉलोनियों को वैध करने का प्रावधान था और बाद में इसी धारा के अंतर्गत 2016 तक की कॉलोनियों को वैध करार दिया गया।  हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार द्वारा इस प्रावधान को विलोपित करने के बाद फिलहाल अवैध कॉलोनियों को वैध करने का कोई नियम अधिनियम में नहीं है और जब तक नए नियम नहीं बन जाते, अवैध कॉलोनियों के वैध होने के कोई आसार नहीं है।

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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।