भोपाल।
कमलनाथ सरकार द्वारा मीसा बंदियों की पेंशन योजना पर अस्थाई रूप से रोक लगाए जाने के मामले में बीजेपी के बाद केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल और लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव ने आपत्ति जताई है। केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि इंदिरा गांधी के ‘तीसरे बेटे’ ने उन लोगों की पेंशन बंद कर दी जिन्होंने आपातकाल के दौरान लड़ाई लड़ी। वही शरद यादव का कहना है कि मीसा पेंशन बंद नहीं की जानी चाहिए बल्कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सही व्यक्तियों तक इसका लाभ पहुंचे।
दरअसल, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मीसाबंदियों की पेशन पर रोक लगाए जाने पर कमलनाथ सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि ‘इंदिरा गांधी के ‘तीसरे बेटे’ ने उन लोगों की पेंशन बंद कर दी जिन्होंने आपातकाल के दौरान भारत के सबसे काले दिनों में लोकतांत्रिक मूल्यों की लड़ाई लड़ी.’
Indira Gandhi’s ‘third son’ stops pension to those who fought for democratic values during India’s darkest days in the Emergency. https://t.co/xjQ7Solkcw
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) January 3, 2019
वही आज मीडिया से चर्चा के दौरान लोकतांत्रिक जनता दल के नेता और कांग्रेस के सहयोगी शरद यादव ने इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा कि कमलनाथ सरकार को पूर्व की बीजेपी सरकार द्वारा दी जा रही मीसा पेंशन बंद नहीं करनी चाहिए। लेकिन सरकार को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि इसका लाभ सही लोगों तक पहुंचे। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व की बीजेपी सरकार उन लोगों को भी पेंशन दे रही थी जिन लोगों ने आपातकाल के दौरान माफी मांगी थी। शरद यादव ने कहा कि सरकार द्वारा लाभार्थियों की छानबीन करनी चाहिए। वे स्वयं इस दौरान 4 साल जेल में बंद रहे, लेकिन कभी भी पेंशन का दावा नहीं किया।
गौरतलब है कि बुधवार को मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार ने एक सर्कुलर जारी करते हुए मीसाबंदियो को दी जाने वाली पेंशन पर रोक लगाने का निर्देश जारी किया था। जिसमें कहा गया था कि इस पेंशन को अस्थायी तौर पर बंद कर दिया गया है। सरकार ने बैंकों को भी इससे संबंधित निर्देश दे दिए हैं। कांग्रेस का कहना है कि यह सरकारी पैसे की फिजूलखर्ची है। सरकार का मानना है कि लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि भुगतान की मौजूदा प्रक्रिया को और अधिक सटीक और पारदर्शी बनाए जाने की जरूरत है। साथ ही लोकतंत्र सैनिकों का वेरिफिकेशन कराया जाना भी जरूरी है। सरकार के इस फैसले का बीजेपी ने विरोध किया है। उन्होंने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाने की चेतावनी दी है।