होली पर उठा एमपी की राजनीति का तूफान अब भी शांत होने का नाम नही ले रहा है।एक तरफ जहां जोड़तोड़ कर सत्ता में आई प्रदेश की शिवराज सरकार (shivraj sarkar) मंत्रिमंडल(cabinet) और 24 सीटों के प्रत्याशियों को लेकर चिंता में है और वही दूसरी तरफ उपचुनाव से पहले अपने पार्टी नेताओं का बीपी बढ़ा रहे है। अब बदनावर में राजेश अग्रवाल को फिर से बीजेपी (bjp) शामिल किए जाने पर भाजपा के पूर्व विधायक भंवर सिंह शेखावत खासे नाराज हो गए है।वही उन्होंने राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पर भी कई गंभीर आरोप लगाए है।शेखावत के आरोपों के बाद पार्टी में हड़कंप मच गया है, नेताओं के माथे पर चिंता की लकींरे खींच गई है, वही शेखावत की इस बगावत ने कांग्रेस को बीजेपी को घेरने का एक नया मुद्दा दे दिया है, आने वाले समय में कांग्रेस इसको आधार बनाकर घेराबंदी कर सकती है, चुंकी पिछले दिनों भी कांग्रेस ने कैलाश के उषा ठाकुर वाले बयान को लेकर खूब हंगामा किया था और आयोग में शिकायत तक कर डाली थी।अब देखना है कि उपचुनाव से पहले बीजेपी अपनों को कैसे मनाती है।
शेखावत का कहना है कि कैबिनेट मंत्री पद का लालच देकर बागी राजेश अग्रवाल को पार्टी में लाए हैं, उन्होने कहा कि मेरी शिकायत पर कार्रवाई नहीं हुई तो मोदी जी से शिकायत करुंगा। उन्होने कहा कि पार्टी के प्रति मेरी निष्ठा है और मैं पार्टी के साथ हूं। भंवर सिंह शेखावत ने कहा कि 2018 में विजयवर्गीय के कारण ही प्रदेश में बीजेपी की सरकार नहीं बनी। उपचुनावों में भी बीजेपी को हराने के लिए वे काम कर रहे हैं। कैलाश ने अपने बेटे को राजनीति में स्थापित करने के लिए कई बड़े नेताओं को हरवाया। राजेश अग्रवाल को मेरे खिलाफ उन्होंने न सिर्फ चुनाव लड़ाया बल्कि पैसा भी दिया। अब उसी राजेश अग्रवाल की वापसी करवा दी।
शेखावत का आरोप है कि कैलाश ने मुझे और उषा ठाकुर को इंदौर की राजनीति से बाहर किया। कैलाश कांग्रैस के लिए फंडिंग करते है, आने वाले उपचुनाव में वे भाजपा के लिए हानिकारक साबित हो सकते है, उनके रहते पार्टी को बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है।शेखावत का कहना है कि कई बार वे कैलाश को लेकर पार्टी को अवगत करवा चुके है , लेकिन अबतक उन पर कोई कार्रवाई नही की गई है।कैलाश ने मुझे भी हरवाने के लिए फंडिंग की थी।इतना ही नही शेखावत का कहना है कि अगर कैलाश उपचुनाव में रहे तो बीजेपी को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है, कैलाश सिंधिया से बदला लेने के लिए उपचुनाव में बड़ा खेल रच सकते है।इधर शेखावत के तेवरों को देखकर भाजपा के बडे नेता भी सकते में है। अब शेखावत को मनाने की जवाबदारी वरिष्ठ भाजपा नेता और बदनावर विधानसभा सीट के भाजपा प्रभारी कृष्ण मुरारी मोघे को दी गई है। बताया जा रहा है कि मोघे लगातार शेखावत के संपर्क में है और उन्हें मनाने की जिम्मेदारी दी गई है।
कहा जा रहा है कि शेखावत पार्टी द्वारा लगातार हो रही अनदेखी और बदनावर विधानसभा उपचुनाव को लेकर पार्टी के फैसलों से नाराज चल रहे है। आने वाले दिनों में वे कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं। वे पिछला चुनाव में बागी बनकर लड़ने वाले राजेश अग्रवाल की वापसी से भी खफा है। इसको लेकर उन्होंने नाराजगी भी जाहिर की है। हालांकि पार्टी नेताओं का कहना है कि अग्रवाल की वापसी का फैसला प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की सहमति के बाद लिया गया है।
बता दे कि भाजपा ने पूर्व विधायक भंवर सिंह शेखावत को 2018 में धार जिले की बदनावर सीट से उम्मीदवार बनाया गया था। इस सीट पर राजेश अग्रवाल भी भाजपा से टिकट मांग रहे थे, लेकिन उनकी अर्जी मंजूर नहीं हुई। अग्रवाल निर्दलीय मैदान में कूद गए। अग्रवाल को 30 हजार से अधिक मत मिले और वह तीसरे नंबर पर रहे। इसका असर यह हुआ कि भंवर सिंह 40 हजार से अधिक मतों से कांग्रेस के राजवर्द्धन सिंह से चुनाव हार गए। अब चुंकी राजवर्द्धन और अग्रवाल बीजेपी में आ गए है, ऐसे में शेखावत का पारा हाई हो गई है।