Madhya Pradesh: शिवराज सरकार के इस कदम से बदलेगी कृषि और किसानों की दशा

Pooja Khodani
Published on -

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट
कोरोना संकटकाल (Corona Crisis) में प्रदेश की शिवराज सरकार (Shivraj Sarkar) का किसानों पर विशेष फोकस है, आए दिन किसानों को लेकर फैसले लिए जा रहे है। चाहे फसल खरीदी हो या फिर यूरिया-बरदान को लेकर हर समस्या का निराकरण किया जा रहा है ।अब किसानों को लेकर एक बार फिर मुख्यमंत्री चौहान का बड़ा बयान सामने आया है। मुख्यमंत्री का कहना है कि मध्यप्रदेश, प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत कृषि अधोसंरचना कोष का अधिकाधिक लाभ किसानों को दिलवाने का कार्य करेगा। किसानों की आय दोगुनी करने की यह अद्भुत योजना है। मध्यप्रदेश सरकार इसके क्रियान्वयन में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। इसे जमीन पर उतारने की दिशा में मध्यप्रदेश सरकार ने ठोस प्रयास प्रारंभ कर दिए हैं।

दरअसल, केन्द्रीय मंत्री तोमर ने वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा आत्मनिर्भर भारत अन्तर्गत कृषि क्षेत्र में अधोसंरचना कोष के संबंध में राज्यों से चर्चा की और प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किसानों की समृद्धि के लिए तैयार किए गए प्रकल्प को सफल बनाने का आव्हान किया है।इस पर मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि  मोदी सरकार की अद्भुत योजना को जमीन पर उतारने में मध्यप्रदेश पीछे नहीं रहेगा।कृषि अधोसंरचना कोष कृषि और किसानों की दशा बदलेगा । मध्यप्रदेश प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत कृषि अधोसंरचना कोष का अधिकाधिक लाभ किसानों को दिलवाने का कार्य करेगा। किसानों की आय दोगुनी करने की यह अद्भुत योजना है। मध्यप्रदेश सरकार इसके क्रियान्वयन में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। इसे जमीन पर उतारने की दिशा में मध्यप्रदेश सरकार ने ठोस प्रयास प्रारंभ कर दिए हैं।

मुख्यमंत्री चौहान ने केन्द्रीय मंत्री को आश्वस्त किया कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए मध्यप्रदेश में सुनियोजित प्रयास होंगे। इस दिशा में कृषि, सहकारिता और उद्यानिकी विभाग की गतिविधियाँ प्रारंभ हो गई हैं। कृषि विभाग की तरफ से राज्यस्तरीय निगरानी समिति और जिलास्तरीय निगरानी समितियों के गठन, कृषक उत्पादक समूह (एफपीओ) को आंदोलन के रूप में विस्तारित करने का लक्ष्य है। हर विकासखंड से योजना के अंतर्गत कम से कम दो प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए हैं। सहकारिता विभाग की तरफ से भारत सरकार के उपक्रम नाबार्ड, एनसीवीसी के अधिकारियों को शामिल करते हुए सहकारिता विभाग, अपेक्स बैंक और मार्कफेड के अधिकारियों की दो कमेटियों का गठन किया गया है। निर्धारित मापदंडों के मुताबिक 263 जिलास्तरीय प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (पैक्स) और 54 विपणन समितियों को चिन्हित कर लिया गया है।

ऐसे ही शिवराज सरकार की तैयारी

मुख्यमंत्री शिवराज ने बताया कि मध्यप्रदेश में उन्नत सीडग्रेंडिंग प्लांट, वेक्यूम व्हीट पैकिंग यूनिट, वेयरहाउस, कोल्ड स्टोरेज की श्रृंखला विकसित होगी। मध्यप्रदेश में एक जिला एक पहचान के अंतर्गत विभिन्न जिलों में सब्जियों और फलों के उत्पादन की अधिकता का लाभ लेते हुए प्रोसेसिंग यूनिट विकसित होंगी। वर्तमान में उत्पादन अधिक हो जाने से उत्पाद की कीमत कम हो जाने की स्थिति में किसान लाभान्वित नहीं हो पाता। उद्यानिकी विभाग की ओर से पैकहाउस, कोल्डरूम, इंटेग्रेटेड हाउस, इंटेग्रेटेड कोल्ड चेन सप्लाई, मोबाइल प्रोसेसिंग यूनिट, सॉर्टिंग एण्ड ग्रेडिंग के प्रकरण तैयार किए जा रहे हैं। इस संबंध में हाल ही में आत्मनिर्भर वेबिनार में रोडमैप बनाने के लिए हुए विचार-विमर्श में ठोस सुझाव मिले हैं। इन्हें क्रियान्वित किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के इस मत के वे पक्षधर हैं कि सिर्फ सब्सिडी आदि से किसान कल्याण संभव नहीं है बल्कि दीर्घ अवधि की प्लानिंग तैयार कर बिचौलियों से उत्पादकों को बचाते हुए ज्यादा से ज्यादा लाभ दिलवाया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कृषि उत्पादन के क्षेत्र में प्रदेश में स्टार्टअप को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। मध्यप्रदेश आत्मनिर्भर भारत के पैकेज के अंतर्गत बेहतर परिणाम लाने के लिए संकल्पबद्ध है।

मध्यप्रदेश के लिए कोष में 7 हजार करोड़ का लक्ष्य निर्धारित
सरकार द्वारा मध्यप्रदेश के लिए कृषि अधोसंरचना कोष में 7 हजार करोड़ का लक्ष्य निर्धारित है। योजना में शासकीय सहायता के प्रावधान किसानों के लिए किए गए हैं। इसमें अधिकतम दो करोड़ रुपये की ऋण राशि के प्रकरण में वार्षिक ब्याज दर में 3 प्रतिशत की छूट रहेगी। यह छूट अधिकतम 7 साल के लिए होगी। क्रेडिट गारंटी के अंतर्गत अधिकतम 2 करोड़ की ऋण राशि पर प्रति प्रकरण क्रेडिट गारंटी शुल्क आवश्यक राशि का भुगतान सरकार करेगी। योजना में प्राथमिक कृषि साख समितियों, किसान उत्पादक समूहों, स्वसहायता समूहों, कृषि उद्यामियों, स्टार्टअप और बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियों के साथ ही केन्द्रीय/राज्य एजेंसियां या सार्वजनिक निजी साझेदारी (पीपीपी) परियोजना को पात्र माना गया है। सम्मिलित प्रयासों से भारत को विश्व की फूड मार्केट बनाने का प्रयास है।


About Author
Pooja Khodani

Pooja Khodani

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

Other Latest News