भोपाल। मध्यप्रदेश में मंगलवार को रिश्वत के दो मामले सामने आए हैं। पहला मामला राजधानी भोपाल का है। जहां लोकायुक्त पुलिस ने एक वाणिज्यिक कर विभाग के सहायक आयुक्त विशाल मेधा को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। वहीं, दूसरा मामला दमोह जिले का है। जहां स्टेट बैंक अॉ इंडिया के मैनेजर और सहायक को दस हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है।
जानकारी के अनुसार राजधानी भोपाल में वाणिज्यिक कर सहायक आयुक्त विशाल मेधा ने एक पेट्रोल पंप संचालक से पचास हजार रुपए रिश्वत की मांग की थी। असल में सीहोर निवासी दीपक कोरी का टैक्स संबंधित मामला चल रहा है। कोरी का आष्टा में पेट्रोल पंप है। उनके पंप की अॉडिट रिपोर्ट को मंजूर करके टैक्स का निर्धारण होना था। लेकिन सहायक आयुक्त ने इस मामले को निपटाने के लिए कोरी से दो लाख की रिश्वत मांगी। इस रकम को दो किस्तो में देने का सौदा तय हुआ। दीपक ने इसकी शिकायत भोपाल लोकायुक्त पुलिस से की। जिसके बाद रणनीति के तहत दीपक को पहली किस्त के साथ मेधा के पास भेजा गया। जैसे ही दीपक ने यह रकम सहायक आयुक्त को दी लोकायुक्त ने उन्हें 50 हजार रुपए लेते रंगेहाथों पकड़ लिया।
इधर, बैंक मैनेजर घूस लेते धराया
दूसरा मामला दमोह जिले का है। जहां स्टेट बैंक अॉफ इंडिया के मैनेजर प्रभाकर कुमार सद्गुवा शाखा में पदस्थ हैं। मंगलवार को ऋण स्वीकृति के लिए आवेदक विजय पटेल आया था। वह काफी दिनों से बैंक के चक्कर लगा रहा था। मैनेजर ने उसका लोन पास करने के लिए 15 हजार रुपए बतौर रिश्वत की मांग की थी। विजय ने रिश्वतखोर मैनेजर की शिकायत सागर लोकायुक्त पुलिस में की। जिसके बाद योजना के तहत लोकायुक्त ने विजय को पहली किस्त के रूप में 10 हजार रुपए के साथ भेजा। जैसे ही यह राशि बैंक मैनेजर ने ली तभी लोकायुक्त पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उसे और सहायक को गिरफ्तार कर लिया।