मध्यप्रदेश के दो शिक्षकों को मिला ‘राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2020’

Gaurav Sharma
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। प्रदेश के दो शिक्षक मोहम्मद शाहिद अंसारी और संजय कुमार जैन (MP Teacher Mohammad Shahid Ansari And Sanjay Kumar Jain) को प्रतिष्ठित राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2020 (National Teacher Award 2020) से सम्मानित किया गया है। भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Indian President Ramnath Govind) ने ऑनलाइन कार्यक्रम (Online Program) के माध्यम से पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल (Union Education Minister Ramesh Pokhariyaal) ‘निशंक’ और शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे सहित मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इन्दर सिंह परमार ने दोनों शिक्षकों को बधाई दी है।

शिक्षक मोहम्मद शाहिद अंसारी को गणित पढ़ाने में उनकी प्रभावशीलता के लिए सम्मानित किया गया है। वे शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, खिरसाडोह, परासिया छिंदवाड़ा के शिक्षक हैं और पिछले 14 वर्षों से गणित पढ़ा रहे हैं। उन्होंने गणित में कई प्रभावी शिक्षण सहायक सामग्री और शिक्षण अधिगम सामग्री का नवाचार किया है, जिसे व्यापक रूप से अपनाया गया है। उन्होंने अन्य शिक्षकों और कक्षा 9 और 10 के छात्रों के लिए सार्वजनिक डोमेन में 300 से अधिक वीडियो डाले हैं, उन्होंने छात्रों को शैक्षिक वीडियो दिखाने के लिए अपने स्कूल में एक सौर ऊर्जा संचालित प्रोजेक्टर भी बनाया है.दूसरे पुरस्कार विजेता शिक्षक संजय कुमार जैन शासकीय बालिका प्राथमिक शाला, डूंडा, टीकमगढ़ के शिक्षक हैं। वे एक उच्च प्रेरित और प्रतिबद्ध शिक्षक हैं, जिन्होंने मध्य प्रदेश के दूरदराज क्षेत्र में अच्छे बुनियादी ढांचे के साथ एक स्कूल बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है। प्रभावी सामुदायिक सहायता की मदद से उन्होंने स्कूल में छात्र दर्ज संख्या को सफलतापूर्वक बढ़ाया है। उन्होंने स्कूल में फर्श, दीवारों और खुले स्थानों का उपयोग करके कई शिक्षण- प्रशिक्षण प्रथाओं का नवाचार किया है।

देश के कुछ बेहतरीन शिक्षकों के अनूठे योगदान की सराहना करने और उन शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए शिक्षकों को राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार दिए जाते हैं, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता के माध्यम से न केवल स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है, बल्कि अपने छात्रों के जीवन को समृद्ध बनाया है। शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से स्व-नामांकन किया गया था। उम्मीदवारों को जिला और राज्य स्तरों पर जांच के आधार पर शॉर्टलिस्ट किया गया था तथा पुरस्कारों के लिए अंतिम चयन राष्ट्रीय स्तर पर एक स्वतंत्र जूरी द्वारा किया गया था। जूरी ने वर्ष 2020 के लिए 47 शिक्षकों का चयन किया था।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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