भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। केंद्र सरकार के पेट्रोल डीजल की कीमतों में कटौती के बाद अब केन्द्रीय मंत्री ज्योतिराध्य सिंधिया ने राज्य सरकारों से अपील की है की वह केंद्र सरकार के पेट्रोल डीजल की कीमतें कम करने के बाद राज्य सरकारे अब राज्यों में पेट्रोल-डीजल पर वैट और सेस कम करें ताकि जनता को इसका लाभ मिल सकें, गौरतलब है कि केंद्र सरकार के कीमते घटाने के बाद गैर भाजपा शासित राजस्थान और केरला में सरकारी ने वैट कम करने की घोषणा की है, रविवार को भोपाल पहुंचे केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने केंद्र सरकार के पेट्रोल-डीजल की केंद्र सरकार द्वारा एक्साइज ड्यूटी में की गई कटौती के फैसले की सराहना की।
वही अब घटाई गई कीमतों पर फैसले से पहले तक मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पेट्रोल 118.14 रुपये और डीजल 101.16 रुपये प्रति लीटर बिक रहा था। शनिवार रात 12 बजे से नई दरों के लागू होने के बाद पेट्रोल 108-109 रुपये और डीजल 93-94 रुपये के बीच मिलेगा। इंदौर में पेट्रोल 118.18 रुपये से घटकर 108-109 रुपये और डीजल 93-94 रुपये प्रति लीटर मिलेगा। ग्वालियर में पेट्रोल 118.04 रुपये प्रति लीटर से घटकर 108-109 रुपये प्रति लीटर और डीजल 101.06 रुपये प्रति लीटर से घटकर 93-94 रुपये के बीच मिलेगा।
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क्यों महंगा है राजस्थान-मध्य प्रदेश में पेट्रोल-डीजल
इन दोनों ही राज्यों में पेट्रोल-डीजल पर देश में सबसे अधिक टैक्स वसूला जाता है। मध्य प्रदेश में पेट्रोल पर 29% वैट है, जबकि 2.5 रुपये प्रति लीटर वैट के अतिरिक्त 1% सेस भी लगता है। वहीं, डीजल पर मध्य प्रदेश सरकार 19% वैट और 1.5 रुपये प्रति लीटर वैट के अतिरिक्त 1% सेस वसूलती है। इसके मुकाबले राजस्थान में पेट्रोल पर 31.04% वैट और 1,500 रुपये किलो लीटर रोड डेवलपमेंट सेस वसूला जाता है। वहीं, डीजल पर 19.30% वैट और 1,750 रुपये किलो लीटर रोड डेवलपमेंट सेस वसूला जा रहा है। सिर्फ महाराष्ट्र ही ऐसा राज्य है, जिसमें वैट मध्य प्रदेश और राजस्थान जितना वसूला जा रहा है। देश के अन्य राज्यों में पेट्रोल-डीजल पर कम टैक्स वसूला जाता है।
राजस्थान और केरल ने घटाया वैट, अब दूसरे राज्यों की तरफ टिकी निगाहें
राजस्थान और केरल ने पेट्रोल-डीजल के दामों को लेकर बड़ा दांव चल दिया। दोनों ही गैर बीजेपी शासन है। केरल में पेट्रोल पर 2.41 रुपए प्रति लीटर वैट कटौती की गई तो वहीं डीजल पर 1.36 रुपए प्रति लीटर वैट कम किया गया, ऐसे में वहां पेट्रोल 11.91 रुपए प्रति लीटर सस्ता हो गया, इसी तरह राजस्थान सरकार ने भी जनता को डबल राहत देने का काम किया, गहलोत सरकार ने पेट्रोल पर 2.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 1.16 रुपये प्रति लीटर वैट को कम कर दिया।
सेस और वैट क्या है
सेस एक प्रकार का कर होता है | यह एक ऐसा कर होता है, जो आपके मुख्य टैक्स के ऊपर अलग से लगा दिया जाता है। यह सामान्य टैक्स से कुछ अलग तरह का होता है, क्योंकि मुख्य टैक्स का पैसा सरकार अपनी जरूरत के हिसाब से किसी भी मद में खर्च कर सकती है, लेकिन सेस टैक्स से मिली रकम को सिर्फ उसी मद में खर्च किया जा सकता है, जिस मद के लिए वह सेस लिया गया है। वैसे तो यह कर बिना किसी मकसद के नहीं लगाया जाता है | इसका मतलब यह हुआ है, कि सेस किसी खास मकसद के लिए अलग से लगाया गया छोटा टैक्स या सहायक टैक्स या उपकर होता है । कभी कभी ऐसा भी हो जाता है, कि यह कर किसी खास तरह के खर्चों या उपभोगों पर भी लगा दिया जाता है। वही वैट एक प्रकार का अप्रत्यक्ष कर है जो वस्तु और सेवा पर लगाया जाता है। क्योंकि वस्तु और सेवा उत्पादन के हर पड़ाव में मूल्य की वृद्धि होती जाती है इसलिए वस्तु के उत्पाद से लेकर बिक्री तक, हर पड़ाव में वैट लगाया जाता है।