कर्जे में डूबा ससुर, दामाद से पैर में पड़वा ली गोली, फिर रच दी ढाई लाख रुपये की लूट की फर्जी कहानी

संदेह गहरा होने पर पुलिस टीम द्वारा फरियादी हरि सिंह रावत से कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह अत्यधिक कर्ज में डूबा है इसलिए उसने अपने चचेरे दामाद निवासी देंटा थाना करैरा के साथ मिलकर उक्त गोली मारकर लूट की झूठी घटना रची थी

Atul Saxena
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Gwalior News :  ग्वालियर पुलिस ने एक और लूट की झूठी कहानी से पर्दा उठा दिया है, कल सिरोल थाना पुलिस ने कियोस्क बैंक संचालक की फर्जी ढाई लाख की लूट की कहानी का पर्दाफाश करने के बाद अब भितरवार थाना पुलिस ने भी ढाई लाख रुपये की लूट की कहानी का पर्दाफाश किया है, पुलिस ने इस घटना के आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया है। पूछताछ में सामने आया कि फरियादी कर्जे में डूबा था इसलिए उसने अपने दामाद के साथ लूट की कहानी रची और फिर उससे से कट्टे से अपने पैर में गोली पड़वा ली।

पुलिस ने बताया कि ग्राम रिछारी खुर्द थाना करहिया निवासी हरिसिंह रावत ने शिकायत की कि वो 6 जनवरी को रात 11:00 बजे घर से अपनी मोटर साइकिल से डबरा के लिये निकला था। डबरा में गायत्री मंदिर के पास आड़तिया चम्पा सेठ से धान बेचने के 2,50.000/- रुपये लिये जिनमें से करीब 5000/- रुपये  पेट्रोल आदि डलवाने में खर्च हो गये थे। डबरा से भितरवार होेते हुए बनियानी थाना सीहोर जा रहा था तभी पीछे से चकमियांपुर गाँव के थोड़ा आगे दो लोग एक मोटर साइकिल पर आये और अगले पहिये में टक्कर मारकर खेत में गिरा दिया और मेरी जेबों में रखे पैसे निकाल लिये तथा एक बदमाश ने विरोध करने पर मुझे गोली मार दी जो मेरे दाहिने पैर की पिड़ली में लगी।

फरियादी की रिपोर्ट पर भितरवार थाना पुलिस ने धारा 309(6),311 बीएनएस एवं 11/13 एमपीडीपीके एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया। गोली मारकर हुई उक्त लूट की घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक ग्वालियर धर्मवीर सिंह ने एडिशनल एसपी ग्रामीण  निरंजन शर्मा को भितरवार अनुभाग की पुलिस टीमें बनाकर त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिए। एडिशनल एसपी के निर्देश पर एसडीओपी भितरवार जितेन्द्र नगाइच ने टीम को एक्टिव किया।

पुलिस ने ऐसे पकड़ा कहानी में झोल 

विवेचना के दौरान पुलिस टीम द्वारा फरियादी हरिसिंह द्वारा दी गई सूचना की तस्दीक करने पर पाया कि सोमवार को घटना दिनांक वाले दिन फरियादी न तो डबरा गया था और न ही चम्पा आड़तिया द्वारा उसे उस दिन कोई रुपया दिया गया था। पुलिस को फरियादी द्वारा बताई गई गोली मारकर लूट की घटना संदिग्ध प्रतीत होने पर तकनीकी सहयोग से भी इस बात की पुष्टि हुई कि घटना दिनांक को मात्र करियावटी तक फरियादी हरिसिंह रावत गया था उससे आगे नहीं गया और वहीं से वापस लौट आया था।

चाचा ससुर ने दामाद के साथ रची लूट की कहानी 

संदेह गहरा होने पर पुलिस टीम द्वारा फरियादी हरि सिंह रावत से कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह अत्यधिक कर्ज में डूबा है इसलिए उसने अपने चचेरे दामाद निवासी देंटा थाना करैरा के साथ मिलकर उक्त गोली मारकर लूट की झूठी घटना रची थी जिससे लोगों को रुपया वापस नही करना पड़े। विवेचना में मालूम चला कि फरियादी ने अपने दामाद से कट्टे से गोली अपने पैर में पड़वाई थी।

पुलिस ने आरोपी दामाद को गिरफ्तार किया 

पुलिस ने दामाद को हिरासत में  लेकर पूछताछ की तो उसने स्वीकार किया कि उसके साथ चचिया ससुर के बहुत अच्छे संबंध है, घटना दिनांक से एक दिन पहले ही वह रिछारीखुर्द अपनी ससुराल पहुंच गया था घटना दिनांक को दोनों लगभग एक घंटे के अंतर से रिछारीखुर्द से निकले और जब अंधेरा हो गया तो भितरवार से निकलकर चक मियांपुर से थोड़ा आगे मोटर साइकिल रोककर रोड़ के बगल से गिरा दी तथा सड़क किनारे खेत में जाकर उसने 315 बोर के देशी कट्टे से गोली मार दी और लूट की कहानी बनाकर कर रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने बयान लेने के बाद आरोपी दामाद को गिरफ्तार कर घटना में प्रयुक्त कट्टा व खाली खोखा बरामद कर लिया गया है।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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