भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मंगलवार को मध्य प्रदेश का विधानसभा का मानसून सत्र (Monsoon session of Madhya Pradesh Legislative Assembly) हंगामे की भेंट चढ़ गया और अनिश्चिकालीन समय के लिए विधानसभा स्थगित हो गई हो, लेकिन ”आदिवासियों और कमलनाथ के बयान मेरे पास विस का ज्यादा अनुभव नहीं” पर सियासत अब भी जारी है। अब शिवराज सरकार में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह (Bhupendra Singh) का बयान सामने आया है।भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने दो दिन सिर्फ हंगामा किया और नेता प्रतिपक्ष की भी विधानसभा में कोई रुचि नहीं दिखा, इस कारण सत्र स्थगित करने की स्थिति बनी।वही उन्होंने सुझाव दिया कि कमलनाथ दिल्ली और वही जाकर केंद्र में राजनीति करें।
नरोत्तम मिश्रा बोले -MP के नेता प्रतिपक्ष को बदलने पर विचार करें सोनिया गांधी
दरअसल, मप्र विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ (Kamal Nath) के बयान- मेरे पास विधानसभा का ज्यादा अनुभव नहीं पर सत्तापक्ष हमलावर हो गई है और इसे मुद्दा बनाकर कमलनाथ की घेराबंदी कर रही है। नरोत्तम मिश्रा के बाद अब भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि मैंने आज तक ऐसा गैर जिम्मेदाराना विपक्ष नहीं देखा। विपक्ष की कोशिश होती है कि विधानसभा ज्यादा से ज्यादा दिन चले। लेकिन ये ऐसा विपक्ष है, जो ये चाहता है कि विधानसभा ज्यादा न चले।
भूपेन्द्र सिंह ने आगे कहा कि मौजूदा समय में कई मुद्दे थे, जिन पर चर्चा हो सकती थी। बाढ़, कोरोना और जहरीली शराब से जुड़े इतने ज्वंलत मुद्दे थे, जो जनता से जुड़े थे, लेकिन कांग्रेस ने इन पर चर्चा नहीं की, सिर्फ समाज को बांटने की कोशिश की। एक दिन आदिवासी के नाम और एक दिन ओबीसी (OBC reservation) के नाम पर भ्रम फैलाकर हो, हल्ला किया। इसका कारण नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ की विधानसभा में कोई रुचि न होना है। वैसे भी उन्होंने स्वयं कहा है कि उन्हें विधानसभा का कोई अनुभव नहीं है, इस कारण से ऐसी स्थिति बनी है। कमलनाथ जी कांग्रेस के बड़े नेता है, वे दिल्ली जाए और केंद्रीय राजनीति करें जिससे मप्र में एक अच्छा विपक्ष हो और जनता के मुद्दों पर सार्थक चर्चा हो सकें।
यह भी पढ़े… New Labor Law: जल्द बदलेंगे नियम, कर्मचारियों की सैलरी-PF में होगा बड़ा बदलाव
वही मध्य प्रदेश के राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत (Madhya Pradesh Revenue Minister Govind Singh Rajput) ने चैलेंज देते हुए कहा कि अगर कमलनाथ जी ओबीसी और आदिवासी वर्ग के सच्चे हितैषी है, तो कांग्रेस के दोनों पदों से इस्तीफा देकर प्रदेश अध्यक्ष ओबीसी वर्ग के नेता को बनाएं और नेता प्रतिपक्ष आदिवासी वर्ग के नेता को।खुद पूर्व मुख्यमंत्री के नाते कांग्रेस में रहकर काम करें।