भोपाल।
मध्यप्रदेश की नवगठित 15वीं विधानसभा का सत्र सोमवार से शुरू हो गया। 15 सालों में पहली बार बीजेपी सदन में विपक्ष की भूमिका में नजर आएगी । सत्र के पहले दिन प्रोटेम स्पीकर दीपक सक्सेना ने नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई। सबसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी विधानसभा की सदस्यता की शपथ ली।सदन की कार्यवाही शुरु होते ही बीजेपी ने दीपक सक्सेना को प्रोटेम स्पीकर बनाये जाने पर सवाल उठाए। शिवराज ने इसे गलत परंपरा बताया।
शिवराज ने आपत्ति जताते हुए कहा कि प्रोटेम स्पीकर सीनियरिटी के हिसाब से तय होता है। प्रोटेम स्पीकर बनाने के लिए और भी वरिष्ठ नेता थे ,लेकिन कांग्रेस ने कम उम्र के विधायक को प्रोटेम स्पीकर बनाकर परंपरा तोड़ी है, यह गलत है। सदन में सबसे वरिष्ठ गोपाल भार्गव है, उन्हे प्रोटेम स्पीकर बनाया जाना चाहिए था।साथ ही शिवराज ने कहा कि हमें दीपक सक्सेना से कोई आपत्ति नही है, लेकिन नियम और परंपरा का उलंघन हुआ है जो कि गलत है, हम इसका विरोध करते है। इस पर दीपक सक्सेना ने शिवराज को शांत रहने का कहते हुए अपनी बात रखने को कहा। लेकिन शिवराज बोलते ही रहे।
इस बीच कांग्रेस विधायक एनपी प्रजापति ने विधानसभा अध्यक्ष के लिए नामांकन दाखिल किया। इस दौरान मुख्यमंत्री कमलनाथ भी मौजूद रहे। वही इस पद के लिए भाजपा की ओर से विजय शाह ने नामांकन दाखिल किया। उधर, सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा विधायकों के साथ वल्लभ भवन के सामने वंदेमातरम् का गायन किया।
अलग अलग भाषाओं में विधायकों-मंत्रियों ने ली शपथ
सदन की कार्रवाई शुरु होते ही प्रोटेम स्पीकर दीपक सक्सेना ने सबसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को शपथ दिलाई।इसके बाद डॉ गोविन्द सिंह, विजयलक्ष्मी साधो, सज्जन वर्मा, बाला बच्चन ब्रजेन्द्र सिंह, प्रद्रुम्मन सिंह, गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा ने हिन्दी में शपथ ली। वही कांग्रेस के विधायक आरिफ अकील ने उर्दू , अरविन्द सिंह भदोरिया और लक्ष्मण सिंह ने संस्कृत में शपथ ली।इस दौरान विधायक सीताराम आदिवासी शपथ नही पढ़ जिसके बाद एपी सिंह ने लाइन पढ़ पढ़ कर उन्हें शपथ दिलाई।
18 हजार करोड़ रुपए का हो सकता है अनुपूरक बजट
9 जनवरी को निधन उल्लेख होगा और शासकीय कार्य होंगे। 10 जनवरी को अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया जा सकता है, जिस पर उसी दिन चर्चा हो जाएगी। करीब 18 हजार करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट सरकार पेश करेगी। उद्घाटन सत्र के अंतिम दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव पर चर्चा के साथ विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव होने की संभावना है। अगर इस सत्र में उपाध्यक्ष का चुनाव नहीं हुआ तो अगले सत्र में होगा।
मंत्रिमंडल का विस्तार की अटकले तेज
सरकार नया सियासी दांव खेलते हुए दो निर्दलीय सुरेंद्र सिंह शेरा और विक्रम सिंह राणा को मंत्री बना सकती है। मायवती की अनुमति के बाद बसपा से संजीव कुशवाह और सपा से राजेश शुक्ला को मंत्री बनाया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सुबह विक्रम सिंह राणा और अन्य विधायकों से सीधी बात भी की है।बताते चले कि कैबिनेट गठन के दौरान सपा बसपा विधायकों को मंत्री नहीं बनने पर दोनों ही दलों ने नाराजगी व्यक्त की थी कि मंत्री नहीं बनाये जाने से दोनों दलों के विधायक और निर्दलीय भाजपा से हाथ मिलाकर बहुमत सिद्ध करने के दौरान कांग्रेस की मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।