भोपाल।
मध्यप्रदेश में बीते 28 अप्रैल को पहले चरण की छह सीटों पर वोटिंग हो चुकी है और अब सोमवार को दूसरे चरण की वोटिंग होना है। इसमें सात टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा, होशंगाबाद और बैतूल शामिल हैं।इसके लिए आज शाम चुनाव प्रचार थम जाएगा, जिसके बाद प्रत्याशी डोर टू डोर जाकर प्रचार करेंगें। इन सात सीटों में से टीकमगढ़ से भाजपा प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार , दमोह से पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, खजुराहो से प्रदेश महामंत्री वीडी शर्मा और सतना में वर्तमान सांसद गणेश सिंह की प्रतिष्ठा मुख्य रूप से दांव पर लगी है।
खास बात ये है कि जिन सात सीटों पर वोटिंग होना है उन पर वर्तमान में बीजेपी का कब्जा है। लेकिन कांग्रेस पूरा जोर लगा रही है कि बीजेपी के अभेद किलो को भेद सके। वही बीजेपी अपने गढ़ों को बचाने के लिए मोर्चा संभाले हुए है। हालांकि विधानसभा चुनाव में जीत के बाद अब समीकरण कुछ बदल गए हैं। इस बार भाजपा ने सात में पांच सीटों पर मौजूदा सांसदों को टिकट दिया है, वहीं कांग्रेस ने नए चेहरों को मैदान में उतारा है। यूं तो सातों सीटों पर कांटे का मुकाबला है।लेकिन टीकमगढ़ सीट पर पूर्व विधायक प्रजापति के सपा मे शामिल होने के बाद यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो चला है।
इन सीटों पर होना है बीजेपी-कांग्रेस में कड़ा मुकाबला
टीकमगढ़ लोकसभा सीट
टीकमगढ़ से इस बार फिर बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार खटीक पर भरोसा जताया है और उन्हें मैदान में उतारा है,वीरेंद्र छह बार से सांसद रह चुके हैं। उनके खिलाफ कांग्रेस ने किरण अहिरवार को उतारा है। किरण पूर्व आईएएस अधिकारी आरएन बैरवा की बेटी हैं। बैरवा, दिग्विजय सिंह के करीबी माने जाते हैं। किरण के पति भी सरकारी अधिकारी हैं। किरण को राजनीति का कोई अनुभव नहीं है, इसीलिए उनका ऐलान कई लोगों के लिए चौंकाने वाला रहा। यहां तीसरा दावेदार भी है। ये हैं आरडी प्रजापति, जो पूर्व में भाजपा के विधायक रह चुके हैं और हाल ही में पार्टी छोड़कर सपा में शामिल हुए हैं। इसलिए यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। माना जा रहा है कि प्रजापति भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं।
खजुराहो लोकसभा सीट
खजुराहो लोकसभा सीट पर इस बार वर्तमान सांसद का टिकट काटा गया है। खजुराहो से भाजपा ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े विष्णु दत्त शर्मा को टिकट दिया है, कांग्रेस ने खजुराहो से कविता सिंह को टिकट दिया है। कविता कांग्रेस विधायक विक्रम सिंह की पत्नी हैं।बीते दिनों यहां शर्मा का विरोध देखने को मिला था, हालांकि संघ मोर्चा संभाले हुए है और लगातार बीजेपी के फेवर में माहौल तैयार कर रहा है।
बैतूल लोकसभा सीट
इस बार इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प होने वाला है। भाजपा ने वर्तमान सांसद का टिकट काटा है। उनकी जगह बैतूल से दुर्गादास उईके को मैदान में उतारा हैं। वही कांग्रेस ने रामू टेकम को प्रत्याशी बनाया हैं।खास बात ये है कि यहां का राजनीतिक इतिहास बहुत उतार-चढाव भरा रहा है. बैतूल संसदीय क्षेत्र में अब तक 17 लोकसभा चुनाव हुए है जिसमें से 8 बार बीजेपी तो 8 बार कांग्रेस जीत चुकी है।जबकि एक बार भारतीय लोकदल ने बैतूल सीट पर कब्ज़ा जमाया था।2014 में यहां से ज्योति धुर्वे सांसद चुनी गई थी ,लेकिन फर्जी जाति प्रमाण पत्र के चलते वे काफी समय तक विवादों मे रही है।ऐसे में कांग्रेस का पक्ष मजबूत होते दिखाई दे रहा है।
सतना लोकसभा सीट
सतना में भी मुकाबला रोमांचक हो गया है, क्योंकि यहां तीन बार के सांसद गणेश सिंह मैदान में हैं। 2014 में वे महज 8,688 वोट से जीते थे। पिछली बार अजय सिंह चुनाव लड़े थे, लेकिन इस बार कांग्रेस ने ब्राह्मण चेहरे के रूप में राजाराम त्रिपाठी को टिकट दिया है। राजाराम 2009 में इसी सीट पर सपा के टिकट से चुनाव लड़े थे और अब कांग्रेस की तरफ से मैदान में है। देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी बदलने पर त्रिपाठी जीत का परचम लहरा पाते है या नही।
दमोह /होशंगाबाद /रीवा लोकसभा सीट
वहीं दमोह सीट पर भाजपा के चार बार के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल का मुकाबला कांग्रेस के प्रताप लोधी से है।जहां पटेल के लिए यहां पांचवी बार जीतना चुनौती होगा वही लोधी के लिए सेंध लगाना। होशंगाबाद में भाजपा के दो बार के सांसद राव उदय प्रताप का सामना कांग्रेस के शैलेंद्र दीवान से है।वही रीवा में भाजपा सांसद जर्नादन मिश्रा से मुकाबले के लिए कांग्रेस ने सिद्धार्थ तिवारी को मैदान में उतारा है। वे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दिवंगत श्रीनिवास तिवारी के पौत्र और दिवंगत वरिष्ठ नेता सुंदरलाल तिवारी के पुत्र हैं। दोनों सीटों पर वर्तमान सांसद है और पार्टी ने जीत के लिए भरोसा जताया है, खैर दोनों सांसद सीट बचाने में कामयाब होंगें या नही यह देखना बड़ा दिलचस्प होगा।