“जब ट्राली से चोरी हुआ प्यार,” पुलिस अधिकारी ने बताई ये दिलचस्प दास्तान

(भोपाल। पल्लवी त्रिवेदी पुलिस विभाग में वरिष्ठ अधिकारी हैं। साथ ही वे बेहद संवेदनशील लेखिका, फोटोग्राफर और प्रकृति प्रेमी भी हैं। उनके द्वारा लिखी कविताएं, आलेख, डायरी अंश सोशल मीडिया पर अक्सर चर्चाओं में रहते हैं। खासकर उनके लिखे पुलिसिया-किस्से तो बड़े ही रोचक होते हैं। आईये आज पढ़ते हैं उनका ऐसा ही एक दिलचस्प किस्सा)

पल्लवी त्रिवेदी-

बात है सन 2005 की। गर्मियों की एक शाम मैं ग्वालियर में पुरानी छावनी थाने पर बैठी हुई थी। अक्सर शाम को शहर से बाहर इस खुले हुए थाने में बैठना मुझे पसंद था। बाहर ही अपनी कुर्सी टेबल डलवाकर अपना काम किया करती। अक्सर थाने पर आने वाले व्यक्ति मुझे बाहर देख सबसे पहले अपनी व्यथा कथा मुझे ही कहते थे।

उस रोज भी एक देहाती आदमी हैरान परेशान सा थाना कैम्पस में दाख़िल हुआ और सीधे मेरे पास चला आया।

‘ मैडम जी, मेरा प्यार चोरी हो गया है। आप कुछ करो ।वापस दिलवाओ।’

‘क्या चोरी हो गया है ?’ मैंने दोबारा तस्दीक करने के लिए पूछा कि मेरे कानों ने सही सुना है या ज्यादा रोमांटिक फिल्में देखने का असर है ।

‘प्यार चोरी हुआ है ‘

गज़ब है ये तो…अब पुलिस के पास लोग दिल के मामले भी लेकर आने लगे हैं। मुझे बड़ा आनन्द आया।

कैसे चोरी हुआ ? किसने चुराया तुम्हारा प्यार ?

पड़ोसी ने।

हम्म…तो इसकी प्रेमिका इसके पड़ोसी के इश्क में पड़ गयी है। मामले की तह तक पहुंचने के लिए हमने पूछा।

कैसे चोरी की उसने ?

ट्रॉली में से ।

आएं… ट्रॉली में बैठी प्रेमिका को चुराया यानी दिल की चोरी का मामला नहीं ,बल्कि किडनेपिंग का है।अब हुआ बड़ा अपराध। सीधे सीधे ये क्यों नहीं कहता कि प्रेमिका को उठा ले गया पड़ोसी। कवियों टाइप आशिकी क्यों झाड़ रहा कि प्यार चोरी हो गया।

कब की बात है ?

कल देर रात की। सुबह उठा तो देखा प्यार गायब है।

तुम कहाँ थे तब ?

मैं अंदर घर मे सो रहा था।

अबे…कितना निष्ठुर आदमी है। प्रेमिका को ट्रॉली में कौन सुलाता है । और प्रेमिका भी कैसी पागल कि इसकी बात मानकर ट्रॉली में सो गई । लगता है इसकी पत्नी होगी और प्रेमिका आ गयी होगी तो छुपाया होगा ट्रॉली में।

अपना दिमाग गोते खा रहा कि क्या हुआ होगा। बड़ा मजा आता पुलिस वालों को यह अंदाजा लगाने में कि दरअसल मामला हुआ क्या होगा। फरियादी बताये इसके पहले खुद ही जान लो तो पुलिस में आना सफल लगता है। आला दर्जे का जासूस होने की गर्व भरी फीलिंग आती है।

तुम उसे ट्रॉली में छोड़कर अंदर सो गए ? डर नहीं लगा कि उसे कुछ हो जाएगा ? मैं तनिक गुस्से में थी।

‘हमेशा की बात है ये तो। सालों से रखते आ रहे हम तो। फरियादी ने बड़े आराम से जवाब दिया

बड़ा गज़ब का आदमी है । अंदर पत्नी,बाहर प्रेमिका। और कैसी पगलेट इसकी प्रेमिका। हमारा मन प्रेमिका की काउंसलिंग करने का हो आया। रात को पड़ोसी आकर गपियाता होगा प्रेमिका से तो चली गयी होगी उसके साथ।

लड़की की फोटो है ? अब अन्वेषण शुरू अपना।

‘ कौन लड़की ‘

तुम्हारी प्रेमिका । और कौन।

‘प्रेमिका कहाँ से आ गयी ? मैं तो प्यार चोरी हो जाने की रिपोर्ट लिखाने आया हूँ। ‘ फरियादी कन्फ्यूज़ नज़र आने लगा।

इतने में पास खड़े हवलदार की हँसी छूटी जो इतनी देर से यह संवाद सुन रहा था। मैंने घूरकर देखा तो बमुश्किल बोला कि

‘ सर, इस तरफ घास के पुआल को प्यार कहते हैं ‘

 


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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