बैंक का कर्जा चुकाते ही 3 दिन में मुक्त होगी भूमि, नहीं लगाना पड़ेंगे चक्कर

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भोपाल। अब मध्य प्रदेश में भूमि बंधक रखने एवं उसकी निर्मुक्ति कराने की सेवाएं भी लोक सेवा गारंटी कानून के तहत मिलेंगी। इसके लिए राज्य के लोक सेवा प्रबंधन विभाग ने राजस्व विभाग की दो सेवाएं और शामिल कर ली हैं। कर्ज की अदाएगी की रसीद दिखाने पर राजस्व विभाग में बंधक भूमि को मुक्त किया जा सकेगा। राजस्व व बैंक के जटिल नियमों के तहत अपनी भूमि मुक्त कराने के लिए लोगों को बैंक व तहसील कार्यालय के चक्कर लगाना पड़ते थे।

पूर्व में यह था कि जब कोई व्यक्ति अपनी भूमि बैंक में बंधक रखकर ऋण लेता है तो संबंधित बैंक तहसीलदार कार्यालय में उस व्यक्ति की भूमि के खसरा-खतौनी में यह प्रविष्टि दर्ज कराता है कि यह भूमि बंधक है। ऋण चुकता करने के बाद जब तहसीलदार के यहां जमीन मुक्त करने का आवेदन करता है कि उसकी भूमि के खसरा-खतौनी से बंधक की प्रविष्टि हटा दे। इस कार्य को कराने में बैंक और व्यक्ति को तहसीलदार के यहां कई चक्कर लगाने पड़ते थे। इस परेशानी को खत्म करने अब राज्य शासन ने लोक सेवा गारंटी कानून के तहत प्रावधान किया है कि भूमि बंधक रखने की खसरा-खतौनी में प्रविष्टि करने एवं हटाने के तहसीलदार 3 दिन में इसे पूरा करेंगे। यह कार्य तीन दिन में नहीं होता तो संबंधित एसडीएम के समक्ष प्रथम अपील की जा सकेगी। अनुविभागीय कार्यालय में भी 15 दिन के भीतर प्रकरण का निपटारा करना होगा।


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