भोपाल : पुलिस के जवानों ने धधकती लपटों के बीच जाकर बुझाई आग

मॉकड्रिल के दौरान तरल पदार्थों में लगी आग को पुलिस के जवानों ने अग्निशमन यंत्रों के प्रयोग से किस तरह आसानी से आग बुझाई जा सकती है, इसका प्रशिक्षण प्राप्त किया।

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BHOPAL NEWS :  मध्यप्रदेश पुलिस की 23वीं व 25वीं वाहिनी विस बल द्वारा शुक्रवार को भदभदा रोड स्थित परेड ग्राउंड में अग्नि नियंत्रण संबंधी प्रशिक्षण पुलिस के जवानों को दिया गया। इस दौरान आधुनिक उपकरणों द्वारा आग बुझाने की मॉकड्रिल की गई। मॉकड्रिल के दौरान तरल पदार्थों में लगी आग को पुलिस के जवानों ने अग्निशमन यंत्रों के प्रयोग से किस तरह आसानी से आग बुझाई जा सकती है, इसका प्रशिक्षण प्राप्त किया।

भीषण अग्निकांड में  कैसे बुझाए आग 

पुलिस जवानों ने एल्यूमीनियम सूट पहनकर चार मिनट के भीतर किस तरह अनमोल जिंदगियां बचाई जा सकती है और अग्निकांड में प्रॉक्सीमेटी सूट स्वयं की सुरक्षा करते हुए कैसे आग पर काबू पाया जा सकता है इसका प्रशिक्षण दिया गया। बिल्डिंगों, घरों, गोदामों आदि में लगी आग को धुएं और लपटों से बचकर किस तरह बुझाया जा सकता है, इसका प्रशिक्षण दिया गया। मॉकड्रिल में प्रमुख रूप से सेंट्रल रेंज एसएएफ के डीआईजी अमित कुमार सांघी, 25वीं वाहिनी विसबल के कमांडेंट राजेश सिंह चंदेल, 23वीं वाहिनी विसबल के कमांडेंट अजय पांडे सहित बड़ी संख्या में पुलिस के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।

 

आग बुझाने का प्रशिक्षण आवश्यक : डीआईजी अमित सांघी

प्रशिक्षण के उपरांत डीआईजी अमित सांघी ने कहा कि वर्तमान समय में आग से निपटना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। पुलिस परिवार के लिए समय-समय पर ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमारे जवान जोखिम उठाकर नागरिकों के जीवन की रक्षा करते हैं। किसी भी अप्रिय घटना के दौरान हमें ऐसे जवानों पर गर्व है। साथ ही अधिक से अधिक पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारियों को आग बुझाने का प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहिए।

इन उपकरणों का दिया प्रशिक्षण :-

मॉकड्रिल के दौरान पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को आग बुझाने में प्रयोग किए जाने वाले आधुनिक उपकरणों के संबंध में जानकारी दी गई। पुलिस फायर स्टेशन मंत्रालय, भोपाल के प्रभारी श्री शिवनारायण शर्मा ने आग बुझाने के दौरान प्रयोग में आने वाले कलेक्टिंग ब्रिज, डिवाइडिंग ब्रिज, फायर मेन हेलमेट, फोम नोजल, अग्निशमन सिलेंडर एवं काॅर्टेज, टॉर्च, रिवॉल्विंग नोजल, यूनिवर्सल ब्रांच, न्यू लाइट(ब्रांच), ऑर्डनरी ब्रांच, एडॉफ्टर, जाली, फायर मेन एक्स, लॉक कटर, प्रॉक्सीमेटी सूट, एल्यूमिनियम सूट, कैमिकल सूट, ब्रीदिंग ऑपरेटर सेट, लाइफ जैकेट, हौज पाइप, फायर ब्लैंकेट, अग्निशमन यंत्र आदि की जानकारी दी।

आग को बुझाने में बरतें सावधानी :-

प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि आग को पांच तरह की होती है, जिन्हें बुझाने का तरीका भी अलग-अलग होता है। उन्होंने बताया कि इन्हें ए से इ तक की श्रेणी में रखा गया है। लकड़ी-कोयला में लगी छोटी आग को ए क्लास में रखा गया है। तरल पदार्थों में लगी आग को बी क्लास, गैसों में लगी आग को सी क्लास, मेटल में लगी आग को डी क्लास और इलेक्ट्रिक आग को ई क्लास की श्रेणी में रखा गया है। इन सभी आग को पानी या कैमिकल की मदद से बुझाया जाता है।

आग पर इन नंबरों पर करें सूचित :-

आग की सूचना देने के लिए भोपाल में एमपीईबी के हेल्पलाइन नंबर 0755-2678251, 0755-2678369 पुलिस का हेल्पलाइन नंबर 0755-2555922, पुलिस फायर स्टेशन का हेल्पलाइन नंबर 0755-2441008 और नगर निगम के हेल्पलाइन नंबर 0755-2542222 पर कॉल कर किया जा सकता है।

अग्नि दुर्घटना होने पर यह करें :-

फायर ब्रिगेड, पुलिस कंट्रोल रूम, पुलिस थाना, विद्युत विभाग कार्यालय एवं चिकित्सालय को सूचना दें। फायर फायटिंग दल फायर एक्सटिंग्यूशर अथवा पानी या रेत से अग्नि को प्रारंभिक स्थिति में बुझाएं। भवन के विद्युत प्रवाह को मेन स्विच से तत्काल कट-ऑफ करें। फायर अलार्म दल सभी को अग्नि दुर्घटना की चेतावनी अलार्म बजाकर दें ।बचाव दल (इवेक्युएशन टीम) बिल्डिंग के व्यक्तियों को पूर्व निर्धारित योजना अनुसार सुरक्षित रास्तों से बाहर निकालकर सुरक्षित स्थान तक पहुंचाएं। भगदड़ नहीं करें । लिफ्ट का प्रयोग कतई न करें। संपत्ति बचाव दल महत्वपूर्ण व मूल्यवान सम्पत्ति को बाहर निकालें। अत्यधिक ज्वलनशील पदार्थों जैसे-पैट्रोल, कैरोसिन, प्लास्टिक, आदि को अग्नि दुर्घटना स्थल से दूर करें।

 


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Sushma Bhardwaj

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