भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। ग्रामों के सतत संवहनीय एवं समावेशी विकास के लिए उनका वाइब्रेंट (जीवंत) होना आवश्यक है। केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों के साथ मिलकर इस संबंध में पहल की है। “सबकी योजना-सबका विकास जन-अभियान” में हुई 6 राज्यों के पंचायत प्रतिनिधियों की कार्यशाला में ये बात भारत सरकार पंचायती राज मंत्रालय के सचिव सुनील कुमार सिंह ने कही। उन्होने कहा कि हर ग्राम, जनपद एवं जिला पंचायत के विकास की योजनाएँ बनाई जा रही हैं। हमें संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा निर्धारित संवहनीय विकास के लक्ष्य को प्राप्त करना है।
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उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतें अपनी विकास योजना बनाने के दौरान संकल्प लें कि वे अपने गाँवों में कौन-कौन से कार्य करना चाहती हैं। साथ ही गत वर्ष लिए गए संकल्पों की पूर्ति की समीक्षा करें। विभिन्न शासकीय विभाग योजनाओं का क्रियान्वयन करें तथा ग्राम सभाओं में ग्राम पंचायतों द्वारा कार्यों की मॉनिटरिंग हो। सचिव सुनील कुमार ने “सबकी योजना-सबका विकास” जन-अभियान वर्ष 2021-22 में मध्यप्रदेश सहित 6 राज्य के पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा अन्य संबंधित विभागों के पदाधिकारियों की दो-दिवसीय कार्यशाला में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से यह बात कही। कार्यशाला का आयोजन प्रशासन अकादमी, भोपाल में केन्द्रीय, पंचायती राज मंत्रालय तथा राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज संस्थान, हैदराबाद द्वारा किया गया है।
सुनील कुमार ने कहा कि विभिन्न विभागों के अधिकारी ग्राम सभाओं में अनिवार्य रूप से उपस्थित हों तथा विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन का समुचित प्रस्तुतिकरण दें। 2 अक्टूबर से देश में 14 हजार ग्राम सभाएँ आयोजित की गईं, उनमें अधिकारियों की उपस्थिति संतोषजनक नहीं थी। केवल 42% ग्राम सभाओं में ही कृषि विभाग के अधिकारी उपस्थित हुए। इस संबंध में राज्य सरकारों को पत्र भी लिखा जा रहा है। उन्होने बताया कि भारत सरकार द्वारा ई-ग्राम स्वराज पोर्टल प्रारंभ किया गया है। इस पर शासन की विभिन्न योजनाओं की जानकारी संक्षिप्त रूप में दर्ज की जा रही है। कार्यशाला में मध्यप्रदेश पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा तैयार की गई सहभागी ग्राम विकास नियोजन प्रक्रिया के संबंध में ट्रेनिंग मैन्युअल का विमोचन एवं ग्राम पंचायत विकास योजना संबंधी लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।
कार्यशाला के शुभारंभ-सत्र में भारत सरकार पंचायती राज मंत्रालय की संयुक्त सचिव रेखा यादव, एनआईआरडीपीआर हैदराबाद के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. केथेरिसन, संचालक पंचायत आलोक कुमार सिंह उपस्थित थे। पंचायती राज संस्थानों को सौंपे गये 29 विषयों के संबंध में 18 विभागों के मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब, उत्तरप्रदेश, हरियाणा तथा बिहार राज्यों के अधिकारी एवं पंचायत पदाधिकारी शामिल हुए।