MP Employees DA Hike 2024 : मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को 4 फीसदी महंगाई भत्ते के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा, क्योंकि आज सोमवार को हुई मोहन कैबिनेट बैठक में डीए को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया, हालांकि अन्य 10 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इधर, लगातार देरी के चलते कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ती जा रही है।कर्मचारियों को आशंका है कि यदि मार्च में इस पर निर्णय नहीं हुआ तो मामला लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते फिर जून तक अटक जाएगा।
जुलाई 2023 से 4 फीसदी होना है वृद्धि
- दरअसल, राज्य के 7.50 लाख कर्मचारी एवं 4.50 लाख सेवानिवृत कर्मचारियों का 4 फीसदी DR/DA जुलाई 2023 से लंबित है, जबकी आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों का 4% डीए जुलाई 2023 से बढ़ा दिया गया है, वही अन्य राज्यों में बढ़ोतरी कर दी गई है, लेकिन मप्र में इस पर अबतक फैसला नहीं हो पाया है, जिसके चलते कर्मचारियों पेंशनरों में भारी आक्रोश है।
- हाल ही में कर्मचारियों ने सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा था और पत्र भी लिखकर डीए के साथ भत्ते बढ़ाने की मांग की थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। पेंशनर वेलफेयर एसोसिएशन का कहना है कि जब अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों का DA बढ़ाया जा सकता है तो फिर 7 लाख राज्य के कर्मचारी और साढ़े चार लाख पेंशनरों को वृद्धि का लाभ देने में क्या परेशानी है, इसके लिए तो बजट में भी प्रविधान किया गया है।
केन्द्रीय कर्मचारियों को मिल रहा 46%, राज्यकर्मियों को सिर्फ 42%
- वर्तमान में राज्य कर्मचारियों को 42% डीए का लाभ मिल रहा है जबकी केन्द्रीय कर्मचारियों और कई राज्यों के कर्मचारियों को 46%। वही केन्द्र सरकार द्वारा छमाही AICPI इंडेक्स के आंकड़ों के अनुसार मार्च में फिर 4% डीए बढ़ाए जाने की तैयारी है, जिसके बाद केन्द्रीय कर्मचारियों का डीए 50 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान है, ऐसे में राज्य कर्मियों के डीए में 8 फीसदी का अंतर आ जाएगा।
- कर्मचारियों को आशंका है कि यदि मार्च में इस पर निर्णय नहीं हुआ तो मामला लोकसभा चुनाव और आचार संहिता के चलते फिर जून तक अटक जाएगा। सूत्रों की मानें तो लोकसभा चुनाव से पहले मोहन यादव सरकार कर्मचारियों के डीए में 4 फीसदी वृद्धि का ऐलान कर सकती है। इसके लिए वित्त विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है।
12 साल से नहीं हुआ भत्तों में भी इजाफा
तृतीय कर्मचारी संघ का कहना है कि प्रदेश के कर्मचारियों को इस भीषण महंगाई में भी 12 साल से सितंबर 2012 से वाहन भत्ता ₹200 व मकान किराया भत्ता प्रतिशत की दर से वर्ष 2024 में भी मिल रहा है जबकि 2016 से 7वां वेतनमान लागू हो गया है, बावजूद इसके कर्मचारियों को छठे वेतनमान के हिसाब से भत्ते मिल रहे है।कर्मचारियों का आरोप है कि एक ही राज्य में रहने वाले केंद्र एवं राज्य कर्मचारियों के भत्तों में इतना अंतर है जबकि महंगाई केंद्र एवं राज्य कर्मचारियों के लिए समान है। 8 साल 2 महीने में HRA न बढ़ाने पर 2 लाख 34000 से ₹10 लाख 27000 रू का नुकसान चतुर्थ श्रेणी से लेकर प्रथम श्रेणी के अधिकारी कर्मचारी को हुआ। वर्तमान में 2185 से लेकर ₹9594 महीने का गृह भाड़ा भत्ते में नुकसान हो रहा है।