ग्वालियर, अतुल सक्सेना। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) भारतीय राजनीति के एक ऐसे पुरोधा का नाम है जिसका सम्मान ना सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया के कई देशों के राजनेता करते हैं। उनकी भाषण शैली, बात करने की कला और आत्मीय व्यवहार लोगों को आकर्षित करता था। अटल जी स्वाद के भी शहंशाह थे, ग्वालियर में पले बढ़े अटल जी को दौलतगंज वाली चाची के मंगोड़े (Chachis Mangode And Bahadurs Laddu) और नया बाजार के बहादुरा स्वीट्स के लड्डू बहुत पसंद थे। उनके जीवनकाल में ग्वालियर से ये दोनों चीजें उनके पास नियमित पहुँचती थी। उनके निधन के बाद अब उनकी तस्वीर के सामने चाची की दुकान पर पहले घान के मंगोड़ों का भोग लगता है।
भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी ग्वालियर के भी रत्न थे, 25 दिसंबर को बड़े दिन पर उनका जन्मदिन होता है। ग्वालियर में शिंदे की छावनी में बचपन बिताने वाले अटल बिहारी वाजपेयी की प्रारंभिक शिक्षा ग्वालियर में ही हुई। हरी सिंह- दर्शन सिंह हायर सेकेंडरी स्कूल में स्कूली शिक्षा और फिर महारानी लक्ष्मीबाई आर्ट एन्ड कॉमर्स कॉलेज (तत्कालीन विक्टोरिया कॉलेज) से ग्रेजुएशन करने वाले अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति का वो बड़ा नाम बने जिनको विपक्ष के नेताओं ने भी उतना ही प्यार और सम्मान दिया जितना उनकी पार्टी के लोगों से मिला।
चाची के मंगोड़े, बहादुरा के लड्डू के शौक़ीन थे अटल जी
अटल जी (Atal ji) को दुनिया उनके कामों, उनकी भाषण शैली, विपक्ष को भरपूर सम्मान, उनकी कविताओं के रूप में याद करती है लेकिन ग्वालियर से जुड़े लोगों के बीच इन सबके बीच अटल जी के खाने के शौक की चर्चा आज भी होती है। अटल जी को वैसे तो बहुत चीजों का शौक था लेकिन उन्हें नया बाजार स्थित देसी घी के बने बहादुरा के लड्डू बहुत पसंद थे, इसके साथ ही दौलतगंज स्थित अग्रसेन पार्क के कोने पर छप्पर डालकर फुटपाथ पर चुकान लगाने वाले रामदेवी के हाथ के बने मंगोड़े बहुत पसंद थे , अटल जी रामदेवी को चाची कहकर बुलाते थे जिसके बाद रामदेवी शहर में मंगोड़े वाली चाची के नाम से ही प्रसिद्द हुई।
आज भी चाची की दुकान पर लगता है मंगोड़ों का भोग
अटल जी ने अपने जीवनकाल में इन दोनों चीजों का स्वाद कभी फीका नहीं होने दिया। ग्वालियर से अटल जी के पास जाने वाला हर व्यक्ति चाची की दुकान के मंगोड़े और बहादुर स्वीटस के लड्डू लेकर जरुर जाता था, अब अटल जी भी इस दुनिया में नहीं और मंगोड़े वाली चाची भी इस दुनिया में नहीं हैं, अब उनकी दुकान चाची का बेटा रामसिंह चलाता है लेकिन वो अटल जी और अपनी मांरिश्तों की मजबूती को बराबर बनाये हुए है। राम सिंह दुकान खोलने के बाद पहले घान के मंगोड़े का भोग अटल जी और अपनी मां के सामने लगाता है।
कवि सम्मेलन आज, अशोक चक्रधर को मिलेगा कवि अटल सम्मान
भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी के जन्मदिवस के अवसर पर नगर निगम ग्वालियर आज 25 दिसंबर को शाम 7 बजे से अटल बिहारी वाजपेयी सभागार जीवाजी विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन (All India Kavi Sammelan) का आयोजन किया जायेगा। कवि सम्मेलन में देश के ख्यातिनाम कवि एवं गीतकार अपनी रचनाओं की प्रस्तुति देंगे। अखिल भारतीय कवि सम्मेलन के अवसर पर देश के सुविख्यात कवि एवं गीतकार अशोक चक्रधर को “कवि अटल सम्मान” से सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर शामिल होंगे । कार्यक्रम की अध्यक्षता सांसद विवेक नारायण शेजवलकर करेंगे, विशिष्ट अतिथि प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह होंगे।
अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में देश के ख्यातिनाम कवि जगदीश सोलंकी कोटा, अरुण जेमिनी नई दिल्ली, अज्म शाकिरी एटा, रंजीत सिंह चौहान दिल्ली, सुश्री अंकिता सिंह गुरूग्राम, अमन अक्षर इंदौर काव्य पाठ करेंगे। कवि सम्मेलन के सूत्रधार देश के प्रसिद्व कवि मदन मोहन दानिश ग्वालियर होंगे ।