BJP नेता ने लिया Rahul Gandhi को आड़े हाथ, लगाया किसानों को बरगलाने का आरोप

Gaurav Sharma
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भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। कृषि बिल (Agriculture bill) को लेकर देश के अन्नदाता (Farmers) और केंद्र सरकार (Central Government) आमने-सामने हैं, जहां किसानों को विपक्षी दल (Opposition) का पूरा समर्थन (support) मिल रहा है वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार लगातार कृषि बिल के फायदे (Benefits of Agriculture Bill) किसानों को समझाने में लगी हुई है। गौरतलब है कि सोमवार को कांग्रेस पार्टी (Congress Party) ने अपने स्थापना दिवस के मौके पर किसानों का समर्थन करते हुए ट्रैक्टर ट्राली (Tractor-Trolly) निकाल कर विधानसभा का घेराव करने का ऐलान किया है।

इसी बीच भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (Bharatiya Janata Party National President JP Nadda) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress Leader Rahul Gandhi) पर किसानों को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया है। जेपी नड्डा ने ट्विटर के जरिए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि ये क्या जादू हो रहा है राहुल जी? पहले आप जिस चीज़ की वकालत कर रहे थे, अब उसका ही विरोध कर रहे है। देश हित, किसान हित से आपका कुछ लेना-देना नही है।आपको सिर्फ़ राजनीति करनी है।लेकिन आपका दुर्भाग्य है कि अब आपका पाखंड नही चलेगा। देश की जनता और किसान आपका दोहरा चरित्र जान चुके है।

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा ट्वीट किए गए इस वीडियो के बाद से प्रदेश में भी सियासी हलचल तेज हो गई है। जेपी नड्डा के ट्वीट को री-ट्वीट करते हुए हैं मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Madhya Pradesh Home Minister Narottam Mishra) ने भी कांग्रेस पर किसानों को बहकाने (Misleading farmers) का आरोप लगाया है। गृह मंत्री ने लिखा वाह…राहुल बाबा…वाह! संसद में किसानों को बिचौलियों से मुक्त करने की वकालत और सड़क पर विरोध? इसी दोहरे चरित्र की वजह से ही कांग्रेस पर जनता का भरोसा लगातार उठ रहा है।

 

जेपी नड्डा द्वारा जारी किए गए वीडियो में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) कहते हुए नजर आ रहे हैं कि कुछ साल पहले यूपी में मेरा दौरा था और एक किसान ने मुझसे सवाल पूछा। किसान मेरे पास आया और उसने मुझसे कहा कि राहुल जी मुझे एक बात समझाइए हम आलू बेचते हैं ₹2 किलो पर जब हमारे बच्चे चिप्स खरीदते हैं तो वो पैकेट 10 रुपए का आता है और उसमें एक आलू होता है। किसान ने मुझसे कहा कि आप यह बताइए यह क्या जादू हो रहा है, तो मैंने उन किसानों से पूछा आपको क्या लगता है, इसका कारण क्या है ? तो उन्होंने कहा कि राहुल जी कारण यह है कि जो फैक्ट्रियां होती हैं वह हमसे दूर होती है। अगर हम अपना माल डायरेक्टली फैक्ट्री में बेच पाते तो बीच में से जो लोग पैसा लेते हैं, उनको फायदा नहीं होगा और पूरा पैसा हमें मिलेगा यह फूड पार्क के पीछे सोच है।

वही आज राहुल गांधी ने ट्विटर के जरिए किसानों का समर्थन करते एक कविता ट्वीट की है। वीर तुम बढ़े चलो धीर तुम बढ़े चलो वॉटर गन की बौछार हो या गीदड़ भभकी हज़ार हो तुम निडर डरो नहीं तुम निडर डटो वहीं वीर तुम बढ़े चलो अन्नदाता तुम बढ़े चलो!

 

वहीं गुरुवार को राहुल गांधी ने गुलाम नबी आजाद और अधीर रंजन चौधरी के साथ मिलकर कृषि कानून के मसले को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की थी। वही किसानों के मसले को लेकर राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि कृषि बिल से किसानों को नुकसान होने वाला है। किसान कृषि कानून के खिलाफ खड़ा है और यह देश को दिख रहा है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह कहना चाहता हूं कि किसान नहीं हटेगा, जब तक कानून वापस नहीं होगा तब तक कोई भी वापस नहीं जाएगा।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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