क्या मृत व्यक्ति को लग सकती है वैक्सीन? विश्वास नहीं है तो पढ़िए ये खबर

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। कोरोना से सबको सुरक्षित करने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार वैक्सीन (Vaccine)  लगवाने के लिए लोगों से अपील कर रही है। लक्ष्य निर्धारित कर टीकाकरण महाअभियान भी चला रही है लेकिन वैक्सीनेशन में लगे कुछ कर्मचारी अधिकारी ना सिर्फ सरकार की मंशा को पलीता लगा रहे हैं बल्कि सरकार के प्रयासों को भी झुठलाने की कोशिश कर रहे हैं। ताजा मामला ग्वालियर का है जहाँ एक मृत व्यक्ति को कोरोना का दूसरा डोज लगाने की जानकारी सामने आई है , अब मृतक का बेटा कह रहा है कि ऐसे ही टारगेट पूरा किया जा रहा होगा।

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ग्वालियर के सेवानगर में रहने वाले 84 साल के रामजीदास गुप्ता के बेटे राजीव कुमार गुप्ता के पास जब उनके पिता को वैक्सीन का दूसरा डोज लगने का मैसेज पहुंचा तो वे चौंक गए क्योंकि उनके पिता तो अब इस दुनिया में हैं नहीं उनकी मृत्यु 9 जून 2021 को हो चुकी है। यहाँ बता दें कि राजीव ने कोरोना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट भी निकाला जो आसानी से डाउन लोड हो गया।

क्या मृत व्यक्ति को लग सकती है वैक्सीन? विश्वास नहीं है तो पढ़िए ये खबर

मृतक रामजीदास गुप्ता के बेटे राजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि उन्होंने अपने पिताजी को कोरोना वैक्सीन का पहला डोज 11 अप्रैल 2021 को लगवाया उसके बाद वे कोरोना पॉजिटिव हो गए। उन्हें जयारोग्य अस्पताल में भर्ती कराया जहाँ स्वस्थ होने पर उन्हें 30 मई 2021 को डिस्चार्ज कर दिया गया।

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पिताजी की तबियत फिर खराब होने पर उन्हें 6 जून 2021 को आरोग्य धाम अस्पताल में भर्ती कराया जहां 9 जून 2021 को उनकी मृत्यु हो गई। लेकिन 8 दिसंबर को वे उस समय चौंक गए जब पिताजी के मोबाइल नंबर पर उन्हें दूसरा डोज लगाने और दोनों डोज सफलतापूर्वक लग जाने का मैसेज आया।

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राजीव ने मैसेज देखने के बाद सर्टिफिकेट भी डाउन लोड किया वो भी आसानी से हो गया। अब वे हैरान हैं कि मृत व्यक्ति को कैसे वैक्सीन लग सकती है। बेटे का कहना है कि वे शिकायत लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के पास गए तो उन्होंने कह दिया गलती से मैसेज चला गया होगा।

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उधर एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ ने जब जिले के सीएमएचओ डॉ मनीष शर्मा से इस विषय में बात की तो उन्होंने पहले कहा कि आप ID भिजवा लीजिए जांच करा लेंगे। लेकिन जब उनसे कहा गया कि कभी मृत व्यक्ति को वैक्सीन लग जाती है कभी जिसने लगवाई नहीं नुस्के पास वैक्सीन लगने का मैसेज पहुँच जाता है ये लापरवाही कैसे हो रही है? इस सवाल के जवाब में सीएमएचओ डॉ मनीष शर्मा ने इसे टेक्नीकल फॉल्ट बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने कहा कि जब इस तरह की शिकायतें आती हैं तो हम टेक्नीकल कमेटी के पास जाँच के लिए भोपाल भेज देते हैं क्योंकि सर्वर की कमांड हमारे पास नहीं है , सेंट्रलाइज्ड सिस्टम है।

बहरहाल अब मृतक रामजीदास गुप्ता के बेटे राजीव कुमार गुप्ता कह रहे हैं कि अपना टारगेट पूरा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी ऑफिस में बैठे बैठे कागजों में वैक्सीनेशन कम्प्लीट कर रहे हैं। उनकी बता भी सही है क्योंकि उनके जैसे ना जाने कितने लोग ऐसे हैं जो स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से परेशान हैं। ऐसा करने वाले अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ सख्त एक्शन की जरूरत है वर्ना ऐसे लोग सरकार की मंशा को पलीता लगाते रहेंगे और प्रदेश के पूरे लोग वैक्सीन से सुरक्षित भी नहीं होंगे।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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