छतरपुर, संजय अवस्थी। छतरपुर (Chhatarpur) जिला निर्वाचन कार्यालय में पिछले 5 वर्षों से एक ही कंपनी के माध्यम से आउटसोर्सिंग कर्मचारी रखे गए हैं। जिसके बाद एक अधिवक्ता ने कलेक्टर (Collector) से शिकायत की है। शिकायत में गुपचुप तरीके से टेंडर निकालने का आरोप लगाते हुए पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बरतने की मांग की है। साथ ही दतिया (Datia) की एक कंपनी पर प्रशासन की मेहरबानी का आरोप लगाया गया है।
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जानकारी के अनुसार एडवोकेट आनंद कुमार ने कलेक्टर को शिकायत देते हुए बताया कि 2016 में दतिया की भावना कम्प्यूटर कंपनी को दो वर्ष के लिए आउटसोर्स से कम्प्यूटर ऑपरेटरों को उपलब्ध कराने के लिए टेंडर मिला था। शिकायती आवेदन के मुताबिक कंपनी द्वारा मानदेय के साथ ईपीएफ, ईएसआईसी एवं जीएसटी आदि का भुगतान प्राप्त किया जा रहा है। मगर कर्मचारियों एवं शासन के खाते में यह राशि नहीं जा रही। विभाग के बाबू इसी कंपनी से बिना टेंडर निकाले गुपचुप तरीके से साठगांठ कर टेंडर दिलाते हैं। सवाल यह है कि जब 2 साल के लिए दतिया की कंपनी को अनुबंधित किया गया था। तो फिर 5 साल तक इसी कंपनी के माध्यम से क्यों कार्य किया गया। 28 मई को कंपनी का समय पूरा हो गया है। ऐसी चर्चा है कि विभाग के बाबू ही कंपनी के साझेदार हैं इसलिए वे कंपनी को हर साल टेंडर दिलाते हैं। निर्वाचन शाखा प्रभारी अविनाश रावत का कहना है कि अवधि बढ़ाने के लिए जिले के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी से अभिमत लेकर कार्यकाल के संबंध में चर्चा होगी। अब देखना होगा की इस मामले में आगे क्या कार्यवाही होती है।