घंटो की मशक्कत के बाद सेना ने दीपेंद्र को 40 फीट बोरवेल से जीवित निकाला, एंबुलेंस से चेकअप के लिए भेजा अस्पताल

Amit Sengar
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छतरपुर,डेस्क रिपोर्ट। जाको राखे साईंया मार सके ना कोय, ऐसा ही कुछ देखने को मिला है मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में जहां 5 साल के दीपेंद्र यादव (deependra yadav) को 7 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सकुशल जीवित निकाल लिया गया है। बोरवेल से निकालते ही प्रशासन ने दीपेंद्र को परिजनों के साथ चेक अप के लिए अस्पताल भेज दिया है।

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बता दें कि 7 घंटे चले इस सफल रेस्क्यू ऑपरेशन में स्टेट डिजास्टर इमरजेंसी रिस्पॉन्स फोर्स, स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन के साथ सेना ने मोर्चा संभाला था। जनाकरी के मुताबिक बालक दीपेंद्र लगभग दोपहर दो बजे खेत पर खेलते वक्त 40 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया था। इसके बाद कलेक्टर संदीप जीआर और बाकी टीम ने मीडिया को जानकारी दी कि बच्चा लगभग 25 फीट की गहराई पर जाकर फंस गया है। जब प्रशासन द्वारा गड्डे में रस्सी डाली गई तो बच्चे ने उसे पकड़ लिया, इसके बाद बच्चे को बोरवेल में लगातार ऑक्सीजन की सप्लाई भी दी गई।

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ओरछा रोड पर नारायणपुर और पठापुर के पास की हुई इस घटना की जानकारी के बाद इस बोरवेल के बराबर एक 28 फुट का एक गड्डा खोदने की कवायद शुरू की गई। इस बीच हो रही बारिश के चलते भी प्रशासन और सेना को इस रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

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ग्वालियर, जबलपुर और सागर की SDERF को टीम के साथ, NDRF की टीम और आर्मी यूनिट ने साथ मिलकर इस रेस्क्यू ऑपरेशन को सफल बनाया। इसके अलावा उपस्थित ग्रामीणों ने भी पूरी तरह इस रेस्क्यू में साथ निभाया।

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सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी बच्चे को मां से बात कर उन्हें न केवल बच्चे को सुरक्षित निकलने का आश्वासन दिया था बल्कि शासन प्रशासन और बाकी टीमों से भी लगातार संपर्क कर ऑपरेशन को सफल करने की बात कही थी।

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बता दें कि 7 घंटे चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद मासूम दीपेंद्र को उसके मां बाप के साथ एंबुलेंस द्वारा अस्पताल भिजवा दिया गया जहां अब डॉक्टरों की देख रेख में उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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