मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ एजेंसियां सख्त एक्शन ले रहीं हैं और न्यायालय भी कड़ी सजा सुना रही हैं, विशेष न्यायालय छतरपुर ने एक रिश्वतखोर पटवारी और उसके सहयोगी को भी सजा दी है, कोर्ट ने दोनों को 4-4 साल के कारावास और जुर्माने की स सजा सुनाई है।
विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, जिला छतरपुर की अदालत ने रिश्वत लेने वाले आरोपी पटवारी एवं उसके सहयोगी को 04-04 वर्ष कारावास एवं जुर्माने की सजा सुनाई है, आरोपी पटवारी का नाम जगकिशोर कोंदर है जो तहसील बक्सवाहा में पदस्थ है वहीं उसके सहयोगी का नाम राजबहादुर सिंह है जो लोक सेवक नहीं है यानि प्राइवेट व्यक्ति है।
9 साल पहले रिश्वत लेते पकड़ा गया था पटवारी और उसका सहयोगी
जानकारी के अनुसार 9 साल पहले 7 दिसंबर 2016 को आवेदक परम अहिरवार द्वारा लोकायुक्त कार्यालय सागर में शिकायत की गई कि उसकी कृषि भूमि में कुआं इंद्राज करने और सिंचित दर्ज करने के एवज में जगकिशोर कोंदर द्वारा 5000 रुपये रिश्वत की मांग की जा रही है। शिकायत के सत्यापन उपरांत 16 दिसंबर 2016 को जब ट्रैप किया गया तब आरोपी जगकिशोर कोंदर ने 4500 रुपये की रिश्वत आवेदक से लेकर सह आरोपी राजबहादुर को दे दी थी।
विशेष न्यायालय छतरपुर में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया
लोकायुक्त पुलिस सागर की टीम ने आरोपियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज कर जाँच की और पूरी कार्यवाही एवम विवेचना के बाद विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम छतरपुर के समक्ष अभियोग पत्र प्रस्तुत किया।
अदालत ने सुनाई 4-4 साल सश्रम कारावास और जुर्माने की सजा
विशेष न्यायालय ने सभी पक्षों की सुनने के बाद 9 साल चले इस केस में विचार करने के बाद 18 सितम्बर 2025 को निर्णय सुनाते हुए आरोपी जगकिशोर कोंदर को दोषसिद्ध पाते हुए धारा 7 पीसी एक्ट में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 रुपये के अर्थदंड से एवं धारा 13(1)डी, 13(2)पीसी एक्ट में 04 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। साथ ही सह आरोपी राजबहादुर सिंह को धारा 12 पीसी एक्ट में 04 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।





