भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में लापरवाह अधिकारी कर्मचारियों (Employees) पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। दरअसल कोतवाली थाना में पदस्थ प्रधान आरक्षक का ताश के पत्तों से जुआ खेलते हुए वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ था। जिसका पुलिस अधीक्षक ने उन्हें निलंबित (MP suspend) कर दिया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक सोमवार देर रात वीडियो वायरल होने के बाद प्रधान आरक्षक विजय रघुवंशी को निलंबित किया गया है।
वायरल वीडियो में आरक्षक विजय रघुवंशी वर्दी पहने हुए जुआ खेलते नजर आ रहे हैं। सोना घाटी क्षेत्र के किसी स्थान का बताया जा रहा है। वीडियो जब पुलिस अधीक्षक के पास पहुंची तो कोतवाली पुलिस की कार्यप्रणाली की पोल खुलने के बाद पुलिस अधीक्षक सिमाला प्रसाद ने प्रधान आरक्षक को निलंबित कर दिए हैं।
वहीं एक अन्य कार्यवाही छिंदवाड़ा में की गई है। जहां ऑपरेशन प्रहार के तहत चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। एसपी विवेक अग्रवाल द्वारा की गई। कार्रवाई के मुताबिक उमरानाला में पदस्थ पुलिसकर्मी राजकुमार बघेल, शिव अवतार, आदित्य नंदनवार और संतोष चौहान को निलंबित रक्षित केंद्र छिंदवाड़ा में पेश किया गया है।
मामले में एसपी विवेक अग्रवाल ने कहा कि थाना प्रभारी मोहखेड ने लिखित शिकायत की थी कि चौकी प्रभारी और थाना प्रभारी अवैध गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करने की कोशिश करते हैं। ऐसे में पुलिसकर्मी अवैध गतिविधि संचालित करने वाले लोगों को इसकी सूचना देते हैं। जिस पर कार्रवाई निष्फल हो जाती है। इस मामले में जांच की गई। आरोप सही पाए जाने के बाद एसपी विवेक अग्रवाल पुलिसकर्मी को निलंबित करने की कार्रवाई की गई है।
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एक अन्य कार्रवाई बालाघाट जिले में की गई है। जहां बालाघाट कलेक्टर द्वारा कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी मिलन तिवारी को निलंबित कर दिया गया है। दरअसल बिना किसी पूर्व सूचना और सक्षम अधिकारी की अनुमति के बगैर कर्तव्य से अनुपस्थित रहने के कारण गिरीश कुमार मिश्रा द्वारा कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी मिलन तिवारी को निलंबित करने की कार्रवाई की गई है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय कलेक्ट्रेट खाद्य शाखा रखा गया है।
एक अन्य कार्रवाई नीमच में की गई है। नीमच जिला कलेक्टर मयंक अग्रवाल और अपर कलेक्टर नेहा मीना की अध्यक्षता में मनासा और आसपास में जनसेवा अभियान के प्रति आवेदनों की संख्या की समीक्षा बैठक हुई। इस मामले में आवेदन पत्रों की संख्या और उसके निराकरण की स्थिति पर विस्तार से समीक्षा करने के बाद कलेक्टर ने 15 रोजगार सहायकों को अपेक्षित कार्य प्रगति नहीं देखते हुए कारण बताओ नोटिस जारी कर दिए हैं। वही एक पंचायत सचिव को निलंबित करने के भी निर्देश दिए हैं।
एक अन्य कार्रवाई दमोह जिले में की गई है। जहां जिले की परियोजना बटियागढ़ दमोह ग्रामीण दमोह नवीन हटा जबेरा और तेंदूखेड़ा के कुल 17 पर्यवेक्षकों द्वारा 50% से कम हितग्राहियों समग्र पंजीयन किए जाने के आरोप में कलेक्टर कृष्ण चैतन्य ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। 14 अक्टूबर तक जवाब ना पेश करने अथवा जवाब संतोषजनक ना होने की स्थिति में पर्यवेक्षकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।