Ujjain News: मुख्यमंत्री मोहन यादव शनिवार यानी बीते कल महाकाल की नगरी उज्जैन दौरे पर आए, जहां उन्होंने समीक्षा बैठक में उज्जैन के अधिकारियों को कई दिशा निर्देश दिए। साल 2028 में उज्जैन जिले में सिंहस्थ महापर्व का आयोजन होना है। जिसको लेकर उन्होंने कहा कि सरकार 2028 के सिंहस्थ कुंभ मेले से पहले राज्य में खासतौर पर उज्जैन में विकास कार्यों को प्राथमिकता देगी।
CM मोहन यादव ने क्या निर्देश दिए
इतना ही नहीं मुख्यमंत्री मोहन यादव ने यह भी कहा कि महाकाल मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को तिरुपति बालाजी मंदिर के जैसे ही समय ‘स्लॉट’ यानी फिक्स समय दिया जाएगा ताकि वह दिए गए समय में आधे घंटे के अंदर दर्शन कर सकें। इस तरह महाकालेश्वर मंदिर के दर्शन व्यवस्था तिरुपति बालाजी मंदिर की तर्ज पर कराएं जाए। इसके साथ ही जहां-जहां भगवान श्री कृष्ण के पग पड़े उन स्थानों को धार्मिक क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाए।
आपको बता दें, सिंहस्थ के आयोजन को सफल बनाने के लिए उज्जैन शहर की सड़कों एवं ट्रैफिक व्यवस्थाओं को लेकर सीएम ने अभी से निर्देश जारी कर दिए हैं। जिससे कि श्रद्धालुओं को महाकाल मंदिर पहुंचने में ज्यादा समय ना लगे।
CM मोहन यादव ने आगे यह भी कहा कि पहले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा बताए गए कार्यों को भी तेजी से पूरा किया जाएगा। लेकिन इससे पहले उज्जैन के विकास कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी, क्योंकि 2028 में सिंहस्थ कुंभ मेले का आयोजन होना है जिसके लिए योजनाओं को जल्द से जल्द तैयार करना बहुत जरूरी है।
उज्जैन में श्रद्धालुओं की भीड़ दोगुना क्यों हो गई
दरअसल, साल 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा महाकालेश्वर मंदिर में महाकाल लोक गलियारे का उद्घाटन किया गया है, जिसके बाद से ही पहले की तुलना में अब श्रद्धालुओं की दोगुना भीड़ उमड़ती है। देश के कोने-कोने से लोग महाकाल मंदिर के दर्शन और महाकाल लोक का भ्रमण करने के लिए आते हैं। आपको बता दें, महाकाल लोक गलियारा कम से कम 900 मीटर लंबा है। इसका उद्घाटन साल 2022 के अक्टूबर महीने में किया गया था।