VLT Device News: मध्य प्रदेश में परिवहन विभाग के माध्यम से महिला सेफ्टी डिवाइस लगाने की कवायद भ्रष्टाचार का शिकार हो गई है। दरअसल सुरक्षा के लिए लगाए जाने वाले VLT उपकरण दोगुनी कीमत पर वाहनों में लगाये जा रहे हैं। परिवहन विभाग द्वारा अधिकृत वेंडरों द्वारा की जा रही इस सरेआम लूट से वाहन मालिक बहुत परेशान है।
क्यूं इस्तेमाल होता है VLT उपकरण
महिला सुरक्षा को देखते हुए केंद्र सरकार ने प्रत्येक सार्वजनिक वाहन में VLT उपकरण लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके अंतर्गत जीपीएस सिस्टम और पैनिक बटन आता है, जो आपात स्थिति में महिलाओं को सुरक्षा प्रदान कर सकता है और महिला आपातकालीन स्थिति में पैनिक बटन दबाकर सुरक्षा पा सकती हैं। देशभर में इस काम को करने के लिए करीब आधा दर्जन से ज्यादा कंपनियां केंद्र सरकार द्वारा अधिमान्य की गई हैं। लेकिन मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग द्वारा उनमें कुछ चुनिंदा कंपनियों को ही इसके लिए अधिकृत किया गया है।
ज्यादा कीमतों पर बेच रही कंपनी
VLT उपकरण को लगाने का कार्य करने वाले वेंडर उपकरण के लिए 12000 से 14000 रुपए प्रति उपकरण वसूल रहे हैं। जबकि इसकी वास्तविक कीमत 5000 से 7000 रुपए है। इस खुलेआम चल रही लूट के बारे में वाहन मालिक कई बार परिवहन विभाग के आला अधिकारियों को बता चुके हैं ,लेकिन उनके कान पर जूं तक नहीं रेंग रही। VLT उपकरण लगाने वाले सभी वेंडरो को ट्रेड सर्टिफिकेट परिवहन विभाग के द्वारा ही जारी किया जाता है, इसलिए इसकी कीमतों पर भी उसका नियंत्रण होना चाहिए। बावजूद इसके वेंडर यदि मनमानी लूट कर रहे हैं तो साफ समझ में आता है कि इस परिवहन विभाग के अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है। हैरत की बात यह भी है कि जिस काम को आज से कई महीने पहले पूरा हो जाना था, वह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है और यह साफ समझ में आता है परिवहन विभाग के आला अधिकारी इसे पूरी तरह संरक्षण दे रहे हैं।
शिवराज की गंभीरता पर विभाग की अनदेखी
जहां एक और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हमेशा गंभीर नजर आते हैं। वहीं परिवहन विभाग के अधिकारी इस गंभीर मामले को भी किस तरह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ने दे रहे हैं, यह साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। ऐसे में प्रदेश में महिलाएं कैसे सुरक्षित रहेंगी, यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है। अब सभी वाहनों में VLT उपकरण लगाया जाना आवश्यक है, इसके बिना फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं दिया जाएगा। VLT उपकरण का मूल्य ज्यादा होने के कारण कई वाहन चालक फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाने ही नहीं आ रहे हैं इसलिए ये सड़क पर बिना फिटनेस के ही दौड़ लगा रहे हैं।