डबरा, अरुण रजक । डबरा भितरवार मार्ग पर लगाए गए नए टोल को लेकर डबरा कांग्रेस विधायक सुरेश राजे ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। राजे ने इस टोल टैक्स की तुलना मुगलों के जमाने में लगने वाले जज़िया कर से की है। विधायक ने एमपी ब्रेकिंग से बात करते में बताया कि जिस डबरा–भितरवार रोड पर टोल लगाया गया है, उस सड़क का निर्माण आज से पांच साल पहले ही पूर्ण हो चुका है। सड़क पर ना तो कोई नया मेंटेनेंस कार्य हुआ है, ना ही सड़क को टू–लेन से फोर–लेन किया गया है, तो फिर इतने साल बाद सड़क पर टोल लगाने का क्या औचित्य है?
यह टोल टैक्स नहीं जज़िया कर है
आज जब मैं क्षेत्र भ्रमण पर निकला तब मैंने 20–25 आदमियों को बंदूकों के साथ देखा और वहां इस टोल के बोर्ड को लगा देखा। जब मैंने लोगों से जानकारी की तब उन्होंने मुझे बताया कि यह एमपीआरडीसी का टोल है और टोल लगाने की अनुमति उन्हें प्रदेश सरकार ने दी है। राजे का कहना है इस तरह कई सालों पहले बनी सड़कों पर टोल लगाकर टैक्स की वसूली करना जज़िया कर के समान है। आज इन्होंने डबरा–भितरवार मार्ग पर टोल लगाया कल डबरा–पिछोर मार्ग पर लगाएंगे फिर डबरा–चिनोर मार्ग पर और अन्य मार्गों पर भी इसी तरह टोल लगाकर वसूली करेंगे। राजे ने बताया कि जिस समय मैं टोल पर पहुंचा उस समय वहां पर कुछ सरदार व्यापारी खड़े हुए थे, उन्होंने मुझसे कहा कि उनका घर टोल से मात्र दस कदम की दूरी पर है और इस टोल के बाद उन्हें आने जाने पर टैक्स भरना पड़ेगा।
विधायक ने बताया कि मैंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर यह टोल हटाने की मांग की है क्यूंकि आने वाले समय में इस टोल की वजह से विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
सरकार जनता को लूट रही है
राजे ने सरकार पर प्रहार करते हुए कहां कि हमारी सरकार के दौरान जो सड़क या पुल निर्माण हुए क्या हमारी सरकार कहीं पर भी टैक्स वसूली कर रही है? इतना ही नहीं उन्होंने इस टैक्स वसूली पर कहा कि यह सरकार जनता को लूट रही हैं और इस टैक्स वसूली के द्वारा चुनाव से पहले की चंदा वसूली की जा रही है। रेत माफियाओं के बाद टोल टैक्स की वसूली के जरिए सरकार अपने लोगों को फायदा दिलाना चाहती है और अपना खजाना भरना चाहती है।
शहर में अंडर ब्रिज होना चाहिए
जब विधायक से डबरा में लगने वाले गाड़ियों के जाम के बारे में हमने पूछा तब उनका कहना था कि इस संदर्भ में मैंने सांसद को पत्र लिखा हुआ है और साथ ही रेलवे को भी पत्र लिखा है कि शहर में एक अंडर ब्रिज का निर्माण होना चाहिए। अंडर ब्रिज के जरिए छोटे वाहनों का आवागमन निर्धारित होगा जिससे शहर में जाम की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी। राजे ने कहा कि मैंने सांसद को पत्र लिखा है जिसमें जाम की स्थिति को लेकर एक तत्कालिक बैठक की मांग भी की थी और उनसे अनुग्रह किया था कि वह अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को भी बुलाए और बैठकर इस बात की पृष्ठभूमि तैयार करें कि शहर को जाम से निजात कैसे मिले? हालांकि मैं देख रहा हूं कि शहर में जाम की स्थिति थोड़ी बेहतर हुई है लेकिन जिन तरीकों से इस स्थिति को सुधारने का प्रयास किया जा रहा है वह अस्थाई तरीके हैं।
मंडी प्रशासन अपने काम के प्रति असंवेदनशील
इसके बाद विधायक ने डबरा मंडी प्रशासन पर सही तरीके से काम न करने के आरोप लगाए। विधायक ने कहा कि वर्ष 2000 में जब मेरी मां मंडी अध्यक्ष बनी, उस वर्ष मंडी को ए क्लास घोषित किया गया। आसपास के सभी जिलों के किसान इस मंडी में अपनी फसल बेचने के लिए आते हैं। लेकिन आप मंडी परिसर में जाकर देखेंगे तो आपको कोई भी कर्मचारी ढंग से काम करता हुआ नहीं दिखेगा। इतना ही नहीं राजे ने आरोप लगाते हुए कहा कि व्यापारियों को फायदा पहुंचाने के लिए मंडी के कर्मचारी मंडी के अंदर अव्यवस्था फैलाते हैं जिससे जाम की स्थिति उत्पन्न होती है और किसान परेशान होता है।
टोल से भविष्य में पैदा हो सकती है जाम की भयावय स्तिथि
उनका कहना है कि इस टोल से आने वाले समय में निश्चित तौर पर जाम की स्थिति और भयावह होगी क्यूंकि जिस रोड पर टोल लगाया जा रहा है उस रोड पर कई बड़ी फैक्ट्रियां स्थित है, जिनमें जब सैंकड़ों ट्रक माल भरकर जाएंगे तब यहां जाम की स्थिति और भयानक बनेगी।