डबरा: CM मोहन यादव के आदेश की अवहेलना, जनपद पंचायत ऑफिस में देरी से आते हैं कर्मचारी, जानें पूरा मामला

नए नियमों के तहत सरकारी कर्मचारी के लिए ड्यूटी का समय सुबह 10 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक है। लेकिन डबरा जनपद पंचायत ऑफिस में कुछ कर्मचारी शासन के आदेश का उल्लंघन कर रहे हैं।

dabra news

Dabra News: मुख्यमंत्री मोहन यादव नें पूरे राज्य में अधिकारी और कर्मचारी की मनमानी रोकने के सख्त कदम उठाया है। हाल ही में देरी से दफ्तर आने वाले कर्मचारियों के लिए नए नियम लागू किए गए हैं। सीएम ने इन नियमों का सख्त का अनुपालन करने का आदेश भी दिया है। लेकिन डबरा के जनपद पंचायत ऑफिस में मुख्यमंत्री के नियमों के उल्लंघन का मामला सामने आया है।

सीएम मोहन यादव ने विगत दिनों एक आदेश जारी किया था। जिसके तहत सभी प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारियों के ड्यूटी टाइम में बदलाव किया गया था। सुबह 10 से लेकर शाम को 6:00 बजे तक ड्यूटी का समय निर्धारित किया गया था। लेकिन शासन के आदेश के बाद भी सरकारी दफ्तरों में अधिकारी और कर्मचारी समय पर ड्यूटी नहीं पहुंच रहें।

पंचायत ऑफिस में कर्मचारियों की मनमानी (CM Mohan Yadav’s Order Disobeyed)

सूत्रों के मुताबिक डबरा की जनपद पंचायत दफ्तर में कई कर्मचारी अपनी मनमानी कर रहे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री मोहन यादव की आदेश की अवहेलना की जा रही है। ऐसे कुछ कर्मचारी हैं जो सुबह 11:00 के बाद ऑफिस पहुंचते हैं। इतना ही नहीं शाम 6:00 से पहले ही दफ्तर से छुट्टी कर घर निकल जाते हैं। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि शासकीय कर्मचारी मुख्यमंत्री के आदेशों पर भारी पड़ते नजर आ रहे हैं।

कटेगा आधे दिन का वेतन- सीईओ उषा शर्मा

इस मामले में डाबरा जनपद सीईओ उषा शर्मा का कुछ और की कहना है। उन्होंने कहा कि, “इस संबंध में मुझे  जानकारी नहीं है। अगर दफ्तर में कर्मचारी किसी भी तरह की लापरवाही बरतते हैं तो उन पर निसंदेह कार्रवाई की जाएगी।” आगे सीईओ ने कहा, “कुछ कर्मचारी ग्वालियर से अप डाउन करते हैं, जिसके कारण वह लेट हो जाते हैं। साथ ही जो कर्मचारी ऑफिस में देर से आते हैं और जल्दी निकल जाते हैं। उनको पत्र जारी कर दिया गया है और आधे दिन का वेतन भी काटा जाएगा।
डबरा से अरुण रजक की रिपोर्ट

 


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है। अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News