डबरा, अरुण रजक। नवरात्रि में नौ दिनों तक शक्ति की आराधना करने के बाद अब देशभर में गरबा पंडालों में स्थापित की गई दुर्गा मूर्तियों को विसर्जित किया जा रहा है। अपनी श्रद्धा के अनुसार भक्त मां दुर्गा को 9 दिन के लिए स्थापित करते हैं और फिर उन्हें विदाई दी जाती है। डबरा (Dabra) में भी माता के विसर्जन चल समारोह की धूम देखी गई। लेकिन यहां माता को विदाई देने का तरीका बड़ा ही अनूठा है।
डबरा में मां काली का दरबार सजाया गया था। नवरात्रि के समापन पर भक्तों ने माता को पूरी लगन के साथ विदाई दी। आकर्षित करने वाली खास बात यह थी कि यहां पर माता को किसी ट्रैक्टर या ट्रॉली पर बैठाकर विसर्जित करने नहीं ले जाया गया, बल्कि भक्तों ने अपने कंधे पर माता की मूर्ति को उठाकर उन्हें सिंध नदी घाट पर विसर्जित किया। इस दौरान हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे और पूरा शहर भक्ति में डूबा नजर आ रहा था।
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माता को इस तरह से अपने कंधे पर उठाकर विसर्जन के लिए ले जाने की यह परंपरा डबरा शहर में सालों से चली आ रही है। 9 दिनों तक भक्ति भाव से माता की आराधना करने के बाद भक्तों का हुजूम उन्हें अपने कंधे पर रखकर विसर्जित करने के लिए निकलता है। माता के प्रति भक्तों के इस अनूठे प्रेम को देखकर हर कोई हैरान हो जाता है।
इस बार भी बड़ी संख्या में लोगों ने इस यात्रा में हिस्सा लिया और माता की प्रतिमा के आगे और पीछे जयकारा लगाते हुए दौड़ते दिखाई दिए। माता काली को विदाई देते समय शहरवासियों के अलावा पुलिस प्रशासन ने भी अपनी भूमिका निभाते हुए सहयोग दिया।