Dabra : शिक्षिका महिला ने ससुराल पक्ष पर लगाए दहेज के लिए शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के आरोप, सिटी थाने में मामला दर्ज

Amit Sengar
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डबरा,अरुण रजक। ग्वालियर जिले के डबरा तहसील में एक महिला शिक्षिका (teacher woman) को अपने पति द्वारा दहेज के लिए मारपीट एवं मानसिक तथा शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए अपने पति,ससुर एवं सास को नामजद आरोपी बनाते हुए डबरा सिटी थाना में मामला दर्ज करवाया गया है। पुलिस ने महिला शिक्षिका के आवेदन पर मामला दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है।

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आपको बता दें कि पीड़िता शिक्षिका वर्षा गुप्ता ने बताया कि मेरी शादी को 12 साल हो चुके हैं, मेरा पति आए दिन मेरे साथ मारपीट कर शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान करता है। जब भी मेरी सैलरी आती है तो वह मेरे सारे पैसे हर महीने निकालकर जुए में उड़ा देता है। जब मैं उनसे पैसे के बारे में पूछती हूं तो वह मेरे साथ मारपीट करता है साथ ही मेरे ससुराल में मेरे पति, ससुर और मेरी सास पैसे की मांग करते रहते हैं, जब मैं उनसे कहती हूं मेरे पिता ने आपको शादी में सब कुछ दिया है तो पूरा परिवार मुझे प्रताड़ित करता है। इसी कारण में 6 महीने से ससुराल से परेशान होकर अपने मायके पिछोर रहने लगी थी। लेकिन मेरे पति वहां भी आकर आए दिन मेरे साथ बदतमीजी करते हैं कई बार तो मेरे पति ने पिताजी पर भी हाथ उठाया है, तब कहीं जाकर मैने अपने मायके पिछोर में भी अपने पति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। और आज मैंने डबरा के सिटी थाने में पति, ससुर और सास के खिलाफ दहेज एक्ट का मामला दर्ज कराया है। मैं अपने पति से हमेशा के लिए दूर रहना चाहती हूं। जिससे में और मेरी बच्चियां खुशी से अपना जीवन यापन कर सकें।

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Dabra : शिक्षिका महिला ने ससुराल पक्ष पर लगाए दहेज के लिए शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के आरोप, सिटी थाने में मामला दर्ज

गौरतलब है कि यह मामला किसी अनपढ़ लोगो का नहीं बल्कि शिक्षक वर्ग के बीच का है जहां शासकीय शिक्षक के बेटे के द्वारा अपनी ही पत्नी को दहेज के लिए शारीरिक वा मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। वहीं सरकार ने दहेज प्रथा को रोकने के लिए कानून तो बना दिया है मगर इस पर रोक नहीं लग पा रही है। जिसके चलते आए दिन किसी न किसी महिला को दहेज की बलि चढ़ना पड़ता है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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