स्पेशल रिपोर्ट : सलिल श्रीवास्तव | मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले की डबरा तहसील में अस्पताल प्रशासन, डॉक्टर की बड़ी लापरवाही सामने आई है। दरअसल डबरा के सिविल अस्पताल में देर रात जमकर हंगामा हुआ। बता दें कि हंगामा अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर रविंद्र मिश्रा और मरीज के परिजनों के साथ हो गया। मामला इतना गंभीर हो गया कि, पुलिस को मौके पर पहुंचना पड़ा। बता दें कि परिजनों ने चिकित्सक पर शराब पीकर अभद्रता करने का आरोप लगाया है। आइए विस्तार से जानते हैं क्या है पूरा मामला।
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दरअसल, अस्पताल परिसर में देर रात हंगामा हो गया। बता दें कि शुक्रवार की रात कुछ लोग अपने मरीज को लेकर सिविल अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टर रविंद्र मिश्रा ने उनका समुचित इलाज नहीं किया और उनसे अभद्रता व्यवहार किया। तबतक मरीज की हालत और ज्यादा बिगड़ गई। जिसके कारण वो दर्द से चिलाता रहा। तो परिजनों ने डॉक्टर से मरीज को पानी की बोतल लगाने को कहा। जिसके बाद डॉक्टर ने अभद्रता की और फिर मामला इतना गहरा गया कि, पुलिस को सूचना देनी पड़ी। वहीं हंगामा हद से ज्यादा बढ़ गया। जिसे काबू में कर पाना सब के बस से बाहर हो गया। जिसके बाद इसकी सूचना पुलिस को दी गई फिर तहसीलदार दीपक शुक्ला घटनास्थल पर पहुंचे। जहां उन्होंने चिकित्सक की हालत देख कर उसके खिलाफ प्रतिवेदन बनाया। साथ ही अपने वरिष्ठ अधिकारियों को मामले से अवगत कराया।
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आपको बता दें कि डबरा स्थित इस सिविल अस्पताल के आसपास सैकड़ों गांव हैं। जहां से मरीज यहां अपने इलाज के लिए पहुंचते हैं। अस्पताल प्रशासन पर इन्हें स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की पूरी जिम्मेदारी है और यही कारण है कि यहां प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में मरीज आते हैं। बता दें कि सिविल अस्पताल ही एकमात्र अस्पताल है जो रात के समय अपने आसपास के क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करा पाता है। ऐसे में यदि चिकित्सक शराब पीकर ऐसा करें तो मरीजों का क्या होगा, इसका अंदाजा आप स्वयं ही लगा सकते हैं।
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वहीं मरीज के परिवालों का आरोप है कि, चिकित्सक शराब पीकर ड्युटी कर रहे थे और उसी नशे में अभद्रता कर रहा था। जिसके बाद लोगों ने तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी। वहीं मौके पर पहुंचे तहसीलदार दीपक शुक्ला ने पूरे मामले से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया है। वहीं चिकित्सक के बारे में बताया जा रहा है कि, वह शराब पीकर अस्पताल आते हैं और आए दिन मरीजों से उनका विवाद होता रहा है। बता दें कि वरिष्ठ अधिकारी उसकी इस कार्यशैली से भलीभांति परिचित हैं। ऐसे में अगर डॉक्टर का मेडिकल करा दिया जाता, तो स्थिति स्पष्ट हो जाती।
जिसपर तहसीलदार दीपक शुक्ला ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि, डॉक्टर के खिलाफ प्रतिवेदन बनाया गया है। दोषी पाए जाने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
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