Gwalior News : कृषि उपज मंडी में किसानों के साथ व्यापारी कर रहे धोखाधड़ी, जिम्मेदार नहीं कर रहे कार्रवाई

यह धोखाधड़ी किसानों के सामने आई तो वह व्यापारी अपना कांटा लेकर भाग निकले जब इस बात की शिकायत उन्होंने मंडी अधिकारियों से की तो जिम्मेदार अधिकारियों ने भी इस बात को गंभीरता से नहीं लिया। वहीं इस पूरे मामले पर मंडी आधिकारी ने व्यापारी पर उचित कार्यवाई करने की बात कही है।

Amit Sengar
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Gwalior News : इस समय कृषि उपज मंडियों में भारी मात्रा में गेहूं की आवक हो रही है। किसान दूर दराज के इलाकों से अपनी नजदीकी कृषि उपज मंडियों में पहुंचकर अपनी फसल व्यापारियों को बेच रहे हैं। जो किसान अपने खेतों में खून पसीना बहा कर फसल का एक-एक दाना अपनी औलाद की तरह पालता है। जब वह फसल पक जाती है। तो उसे अपने परिवार का जीवन यापन करने के लिए मंडियों में लाकर व्यापारियों को बेचता है। लेकिन अगर वही व्यापारी किसान के साथ धोखाधड़ी कर उसकी फसल को कम तोलता है, या उसकी फसल के सही दाम नहीं देता है, तो शायद यह सबसे बड़ा भ्रष्टाचार है। क्योंकि किसान इस समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा है। जिसकी वजह से सभी को उसकी मेहनत से दो वक्त की रोटी नसीब होती है। बड़ी बात तो यह है कि जब खुद मंडी प्रशासन ऐसे मामलों पर लापरवाही बरतता है। तो कहीं ना कहीं मंडी प्रशासन भी संदिग्धता के घेरे में आता है। वहीं मंडी प्रशासन की नाक के नीचे व्यापारी किसानों के साथ मनमानी कर उनसे धोखाधड़ी कर रहे हैं।

क्या है पूरा मामला

बता दें कि ग्वालियर जिले की भितरवार कृषि उपज मंडी में एक मामला सामने आया है। जहां पर फसल बेचने आए किसानों ने व्यापारी द्वारा धोखाधड़ी को लेकर मंडी में हंगामा कर दिया। जिसमें बताया जा रहा है कि मंडी में लगे कमल राहुल ट्रेडर्स के कांटों पर किसान अपनी फसल तुलवा रहे थे। जिसमें कांटे में गड़बड़ी कर व्यापारी किसान की फसल को 2 से 5 किलो पर बोरी कम तौल रहे थे। जिसकी शिकायत किसानों ने मंडी के अधिकारियों से भी की है।

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”