Dabra में स्कूल की बड़ी लापरवाही सामने आई, रेगुलर छात्राओं को किया प्राइवेट, शिक्षकों ने दी धमकी

कन्या विद्यालय की 12th की छात्राओं ने शिक्षकों का विरोध करते हुए न्याय के लिए अग्रसेन चौराहे पर लगाया जाम प्रशासन से लगाई न्याय की गुहार।

Shashank Baranwal
Published on -
Dabra

Dabra News: मध्य प्रदेश के डबरा शहर में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जिसमें डबरा कन्या विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं ने स्कूल के टीचरों पर लापरवाही और धमकी देने का आरोप लगाया है। इस दौरान छात्राओं ने बताया कि स्कूल में पढ़ने वाली 14 छात्राओं को रेगुलर की जगह प्राइवेट कर दिया गया है। वहीं, कन्या विद्यालय की 12th की छात्राओं ने शिक्षकों का विरोध करते हुए अग्रसेन चौराहे पर जाम लगाकर प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई।

रेगुलर की जगह दर्शाया गया प्राइवेट

डबरा कन्या विद्यालय की 12th में पढ़ने वाली मैथ की छात्रा ज्योति बघेल ने बताया कि उन्होंने विद्यालय में नियमित एडमिशन लिया था। इस दौरान उन्होंने नियमित रूप से एग्जाम भी दिए हैं, लेकिन जब उनका रिजल्ट आया तो अंकसूची में उनके एडमिशन को प्राइवेट दर्शाया गया। इतना ही नहीं एग्जाम में मिलने वाले प्रोजेक्ट के नंबर भी उनकी अंकसूची में नहीं जोड़े गए। डबरा कन्या विद्यालय में उनके साथ-साथ अन्य 14 छात्राओं के साथ भी ऐसा ही हुआ है।

एसडीएम को दिया आवेदन

इस संबंध में सभी छात्राओं ने एसडीएम के समक्ष आवेदन भी दिया है। जब सभी छात्राओं ने इसका विरोध किया तो स्कूल के टीचरों द्वारा उन पर दबाव बनाया जा रहा है और धमकियां भी दी जा रहीं हैं। इतना ही नहीं टीचरों द्वारा यह भी बोला जा रहा है कि इस तरह से आप लोग नंबर नहीं ले सकते और ना ही कोई इसमें उनका कुछ कर सकता है। वहीं, छात्रा ने शिक्षा विभाग को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर 5 दिन में उनके साथ न्याय नहीं हुआ तो आगे कुछ भी हो सकता है।

डबरा से अरूण रजक की रिपोर्ट


About Author
Shashank Baranwal

Shashank Baranwal

पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

Other Latest News