परेशान किसान ने की आत्महत्या की कोशिश, एसडीएम बोले’ हर जगह हम मौजूद नहीं रह सकते, लोग स्वतंत्र हैं जो करना है उनको’

Sanjucta Pandit
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Farmer Attempt Suicide : किसान का बेटा, किसानों की सरकार और किसानों का प्रदेश मेरा मध्य प्रदेश, आपने यह शब्द अक्सर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से उनके हर अभिभाषण के दौरान सुने होंगे। चाहे प्रधानमंत्री मोदी की बात करें चाहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की दोनों का ध्येय एक ही है किसानों की ज़िंदगी बेहतर बनाना। लेकिन लगता है डबरा प्रशासन और यहां के जिम्मेदार अधिकारी प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के इस भाव को पलीता लगाने पर आमादा है।

यह रहा आत्महत्या के प्रयास का कारण

आज डबरा एसडीएम प्रखर सिंह के कार्यालय के बाहर उस वक्त हर तरफ अफरा तफरी मच गई जब एक किसान ने आत्महत्या करने का प्रयास किया। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों और आम जन की सोच से जैसे तैसे किसान को बचाया गया। मीडिया से बात करते हुए किसान ने बताया कि वह बीते दो वर्षों से लगातार अपनी जमीन पर दबंगों द्वारा कब्जा किए जाने से परेशान है और इस बात को लेकर लगातार डबरा एसडीएम कार्यालय में आवेदन भी दे चुका है, लेकिन आज न केवल उसके आवेदन की अनसुनी की गई बल्कि उसके साथ अभद्रता भी की गई, जिसको लेकर वह काफी आहत हुआ है।

दो साल से है परेशान

डबरा के बाबूपुर गांव का रहने वाले कैलाश परिहार जिनकी उम्र 60 वर्ष है वह अपनी 25 बीघा जमीन के संबंध में एसडीएम कार्यालय में आवेदन देने पहुंचे। वे इस बात को लेकर कार्यालय में पहले भी आवेदन दे चुके हैं पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। परिहार ने बताया कि जब अपना आवेदन लेकर एसडीएम कार्यालय पहुंचे तब न केवल उनसे आवेदन लेने की साफ मना कर दी गई बल्कि उन्हें गाली देकर उनके साथ अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया गया। इसके बाद उन्होंने आत्मसम्मान को ठेस लगने के चलते आत्महत्या करने का कदम उठाया।

अधिकारियों पर रिश्वत का आरोप

कैलाश के बेटे संतोष ने बताया कि पहले आवेदन देने के बाद जिन दबंगों द्वारा उनकी जमीन पर कब्जा किया गया था, उन्हें जमीन से हटकर जेल भिजवाया दिया गया था लेकिन जेल से लौटने के बाद अब सरपंच के साथ मिलकर उन लोगों द्वारा षड्यंत्र रचकर फिर से जमीन पर कब्जा कर लिया गया है। संतोष ने स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों द्वारा पैसा लेकर मामले को नजरअंदाज करने का आरोप भी लगाया है।

एसडीएम ने कहा अनुचित है मांग

इस मामले में पत्रकारों से बात करते हुए डबल एसडीएम प्रखर सिंह ने बताया की परिहार की जमीन के मामले में नायब तहसीलदार को सर्वे के लिए भेजा गया था और दबंगों द्वारा किए गए अतिक्रमण को भी हटवा दिया गया था। लेकिन अब परिहार जी जमीन से रास्ते की मांग कर रहे हैं वह किसी निजी स्वामित्व की भूमि है और निजी भूमि में से रास्ता देने का प्रावधान सरकारी दस्तावेजों में नहीं है।

जो लोग करना चाहें उनकी मर्ज़ी

जब पत्रकार द्वारा एसडीम से पूछा गया कि आगे इस तरह की घटना ना हो उसको लेकर आपके क्या प्रयास करेंगे तो एसडीएम ने जवाब दिया, “हम हर जगह तो मौजूद नहीं रह सकते हैं हमने अब तक सभी की मदद की है बाकी आगे जो लोग करना चाहें उनकी मर्ज़ी वह स्वतंत्र हैं”।

डबरा से अरुण रजक की रिपोर्ट


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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है। पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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