Damoh News: चोर ने कीमती सामान नहीं बल्कि घर से चुराए पुराने कपड़े, घटना सीसीटीवी में कैद

अक्सर घरों से चोरों के द्वारा कीमती गहनों, जेवरातों के अलावा घर के बाहर खड़ी कार या नकदी की चोरी की जाती है, लेकिन दमोह जिले में चोरी का अजीबोगरीब मामला सामने आया है।

Shashank Baranwal
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Damoh News: मध्य प्रदेश में आए दिन चोरी की वारदातें सामने आ रही हैं। राज्य के अलग-अलग जिलों में रोजाना घरों में चोरी की खबरें आती रहती हैं। अक्सर घरों से चोरों के द्वारा कीमती गहनों, जेवरातों के अलावा घर के बाहर खड़ी कार या नकदी की चोरी की जाती है, लेकिन दमोह जिले में चोरी का अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां चोर ने घर से कीमती चीजों की चोरी न करके पुराने कपड़ों की चोरी की है। आइए जानते हैं विस्तार से…

पुराने कपड़ों पर भी चोर की नजह

दमोह जिले में चोरी की वारदातों से सब हलकान हैं। रोजाना हर दिन किसी न किसी इलाके से चोरी की खबरें आ रही है। इन चोरियों में बड़ी घटनाओं के अलावा छोटी चोरियां भी हैं जो पुलिस के रोजनामचे में दर्ज नहीं होती है। वहीं, अब आलम ये हो गया है कि चोर पुराने कपड़े भी चुराने लगे हैं। दरअसल, जिले से देर रात एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां चोर के द्वारा एक घर से पुराने कपड़ों की चोरी की जा रही है, जोकि सीसीटीवी कैमरा में कैद हुआ है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि एक चोर आराम से घर में घुसता है और पुराने कपड़ो को चुराकर फरार हो जाता है।

रेलवे स्टेशन के पास का मामला

आपको बता दें पूरा मामला दमोह रेलवे स्टेशन के पास रहने वाले राहुल रावत के घर पर हुआ। घर के सभी सदस्य अंदर थे और बाहर आंगन में उनकी बाइक खड़ी थी। वहीं, बाइक पर रोजमर्रा के कपड़े रखे हुए थे। इस दौरान  एक चोर आकर घर में लगे चैनल के गेट खोला और बाइक पर रखे कपड़े लेकर चलता बना। फिलहाल, ये सारी वारदात कैमरे में कैद हो गई है।

दमोह से दिनेश अग्रवाल की रिपोर्ट


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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