Amrit Mahotsav of Jayant Malaiya: रविवार को प्रदेश के पूर्व मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता जयंत मलैया का अमृत महोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित बीजेपी के प्रदेश के सभी दिग्गज दमोह में जुटे और मलैया की तारीफ में जमकर कसीदे पढ़े। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने तो यहां तक कह दिया कि मलैया जैसा नेता वर्षों की तपस्या के बाद तैयार होता है।
मलैया का अमृत महोत्सव
रविवार को बीजेपी के सीनियर लीडर और प्रदेश में कई महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाल चुके जयंत मलैया का अमृत महोत्सव दमोह में मनाया गया।इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन समेत बीजेपी के और कांग्रेस के कई दिग्गज उन्हें बधाई देने पहुंचे। दरअसल राजनीति में अपनी मीठी वाणी, विनम्र व्यवहार, बेदाग व्यक्तित्व, शानदार कार्यशैली के लिए जाने जाने वाले जयंत मलैया पक्ष और विपक्ष दोनों के चहेते रहे हैं। राजनीति में उन्हें एक ऐसा नेता माना जाता है जिन्हें अंह दूर दूर तक नहीं छू गया और गरीबों की मदद करने में तो उनका कोई सानी ही नहीं। लेकिन 2020 में हुए उपचुनाव में, जब दमोह से बीजेपी ने जयंत मलैया की जगह राहुल लोधी को टिकट दिया और राहुल चुनाव हार गए, तो इसका ठीकरा मलैया परिवार पर फोड़ दिया गया। उनके बेटे को पार्टी की सक्रिय सदस्यता से निलंबित कर दिया गया और जयंत मलैया को भी शो कॉज नोटिस जारी हुआ।
क्या बोले राष्ट्रीय महासचिव कैलाश
रविवार को अमृत महोत्सव में बोलते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बड़ा रहस्योद्घाटन किया।उन्होंने कहा कि जब जयंत मलैया को शो कॉज नोटिस जारी हुआ तो उन्हें(कैलाश को) बहुत दुख हुआ था। कैलाश ने कहा कि जयंत मलैया जैसे व्यक्तित्व वर्षों की तपस्या के बाद तैयार होते हैं और उन्हें नोटिस मिलने से व्यक्तिगत रूप से हुई।इस पीड़ा को कैलाश ने दिल्ली तक बताया था।
बिना आपके नहीं की जा सकती दमोह की कल्पना : शिवराज
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी जयंत मलैया को अपना बड़ा भाई बताते हुए राजनीति में उनके साथ बिताए हुए अविस्मरणीय क्षणों को याद किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि जब भी उन्हें किसी गंभीर समस्या का सामना करना पड़ता था तो समाधान के लिए केवल और केवल जयंत मलैया का चेहरा ही सामने आता था। प्रदेश में चाहे सिंचाई की बात हो या फिर उद्योगों की या फिर वित्त मंत्रालय संभालने की या नगरों का कायाकल्प करने की, हर जिम्मेदारी को जयंत मलैया ने बखूबी निभाया। शिवराज ने यहां तक कहा कि “दमोह की कल्पना आपके(जयंत के) बिना की भी नहीं जा सकती। उन्होंने कहा कि आप 75 साल के भले ही हो गए हो लेकिन रिटायर नहीं हुए। अभी और काम करना है।” यानि कुल मिलाकर पूरी बीजेपी ने दमोह में जाकर यह संदेश दे दिया कि जयंत मलैया न केवल दमोह बल्कि पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र की एक बड़ी ताकत है. और पार्टी उन्हें किसी भी हाल में नजरअंदाज नहीं कर सकती